शनिवार, 23 मई 2020

http://mydailyroutine251.blogspot.com/police/lockdown/22/5/20


🌞 मेरी दैनिक दिनचर्या( my daily routine)


http://mydailyroutine251.blogspot.com/police/lockdown/22/5/20

 प्यारे दोस्तों पुलिस मैं police विभाग में  कार्य करता हूं और मेरा जीवन बहुत कठिन है। इसी के बारे में मैं अपने ब्लॉग में लिखता हूं यदि आप मेरे बारे में रुचि रखते हो और मेरे बारे में अधिक जानना चाहते हो तो कृपया नियमित रूप से मेरे बलोंग को पढ़ा करिए।
             
 मेरी दैनिक दिनचर्या  के कठिन होने के तीन कारण है। मैं इस ब्लॉग में आपको बताने जा रहा हूं :-
1. पुलिस में अनुशासन के नाम पर पुलिस अधिकारियों का उत्पीड़न किया जाता है।  उदाहरण के लिए जैसे कोई पुलिस अधिकारी किसी अनुसंधान में किसी अनुचित बात को जो पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा कहीं गई हो नहीं मानता है तो उसे अनुशासन के नाम पर परेशान किया जाता है।

2.पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के पास नियमानुसार नियोजित पुलिस स्टाफ से ज्यादा का पुलिस स्टाफ नियोजित होना। उदाहरण के लिए किसी उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी जैसे आईजी एडीजी डीजीपी के कार्यालय /निवास पर  सरकारी मापदंडों के अनुसार नियोजित पुलिस स्टाफ से ज्यादा पुलिस स्टाफ नियोजित होता है जिस पुलिस स्टाफ की कमी होती है इस कमी का खामियाजा अन्य पुलिस अधिकारियों को अतिरिक्त ड्यूटी और मानसिक तनाव के रूप में सहन करना होता है।

3.पुलिस विभाग में किसी भी कार्य के लिए उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी लिखित निर्देश न देकर मौखिक निर्देश देते हैं। उदाहरण के लिए जैसे कहीं बलवाइयों या दंगाइयों का प्रदर्शन हो रहा हो  तो उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी बलवाइयो या दंगाइयों पर  लाठी चार्ज या गोली चलाने के आदेश  मौखिक रूप से देते हैं और जब कोई दंगाही मर जाताा है और स्थिति विकट हो जाती है तो उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी अपने द्वारा  किसी भी प्रकार का आदेश नहीं देना बताते हैं  और पूरी जिम्मेदारी संबंधित पुलिस अधिकारी पर डाल देते हैं। इससेेेे भी पुलिस  अधिकारियों में मानसिक तनाव और भय की  स्थिति है और इस प्रकार  मेरी  दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन होती है।

 मेरी दैनिक दिनचर्या  का शुभारंभ इस प्रकार होता है। मैं सुबह जल्दी 4:00 a.m. पर जागकर सुबह  की क्रियाओं से  निवृत्त होकर 4 किलोमीटर की दौड़ करके आता हूं और इसके बाद 30 मिनट का आराम करताा हूं। तत्पश्चात प्राणायाम योग और व्यायाम करता हूं और फिर वापस  न्यूट्रीशन  लेकर 30 मिनट का आराम करता हूं और फिर तैयार होकर नाश्ता करताा हूं और खाना पैकिंग करवा कर घर से ड्यूटी के लिए पुलिस थाने पर जाने के लिए  रवाना हुआ।

  •  मैं 7:30 पर पुलिस थाने पर पहुंचकर मेरी ड्यूटी का पता किया तो मेरी ड्यूटी पुलिस लाइन से आए हुए  हथियार निरीक्षक को पुलिस थाने के समस्त हथियारों की साफ-सफाई व निरीक्षण कर तेल लगा कर और हथियार को स्वयं चेक कर फिर पुलिस लाइन से आए हुए  हथियार निरीक्षक से हथियारों की जांच करवाना और उसके द्वारा हथियारों  की जांच के दौरान साफ सफाई की गुणवत्ता निर्धारित मापदंडों के द्वारा पाए जाने पर हथियारों को माल खाने में जमा कर रजिस्टर में प्रविष्ठियां  करने की थी और जिन हथियारों को हथियार निरीक्षक द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार साफ सफाई नहीं होना अंकित करने पर हथियारों की वापस साफ सफाई करवा कर  हथियार निरीक्षक से जांच करवा कर सही पाए जाने पर माल खाने में जमा करवा कर रजिस्टर में पूर्ण विवरण अंकित  करने की थी। हथियारों की साफ सफाई के लिए मेरे को 6 कॉन्स्टेबल और 2 महिला कॉन्स्टेबल दे रखी थी। मैंने माल खाना से सभी हथियारों को रजिस्टर में एंट्री कर बाहर निकलवाया और सभी हथियारों को मेरी टीम द्वारा सफाई करवाया और फिर  हथियार निरीक्षक से हथियारों को जांच करवा कर सही पाए जाने पर माल खाना रजिस्टर में  हथियार निरीक्षक से टिप्पणी अंकित करवा कर माल खाना में जमा कर दिया और 20 हथियारों को निरीक्षक द्वारा सफाई की गुणवत्ता निर्धारित मापदंडों के अनुसार नहीं होना अंकित करने पर 20 हथियारों की वापिस से सफाई करवाई गई और मैंने स्वयं  पहले जांच किया और सही पाए जाने पर वापस निरीक्षक से जांच करवाई गई और सही पाए जाने पर निरीक्षक ने इन हथियारों पर भी निर्धारित मापदंडों के अनुसार अच्छी गुणवत्ता की सफाई पाए जाने की टिप्पणी की और मैंने मेरी टीम द्वारा  हथियारों को मालखाने में रखवा कर रजिस्टर में एंट्री अंकित कर निरीक्षक से टिप्पणी करवा कर यह ड्यूटी पूरी ज
  • की और इस ड्यूटी में मेरे को लगभग 8 घंटे का समय लगा। उसके बाद मैंने हथियार निरीक्षक को धन्यवाद दिया । 

  •  इसके बाद थाना अधिकारी ने मेरे को शाम को पेट्रोलिंग में जाने के आदेश दिए और मेरे साथ 8 कांस्टेबल व एक महिला कॉन्स्टेबल का पुलिस स्टाफ  सहायतार्थ दिया। जिस पर मैं इलाका पुलिस थाना में पुलिस वाहन लेकर गया और सभी जगह लगभग लोक डाउन के नियमों का पालन हो रहा था। एक आदि जगह कुछ व्यक्ति समूह में एकत्रित हो रहे थे जिन को समझाने पर कुछ व्यक्ति  निवास के अंदर चले गए और कुछ व्यक्ति पुलिस से बिना कारण झगड़ा करने पर उतारू हो गए और कहां कि हम घर में कैद होकर नहीं रहना चाहते हैं ।हम कोई अपराधी थोड़ी है इससे मुझे संज्ञेय अपराध  का अंदेशा होने पर मैंने पांच व्यक्तियों को 151 सीआरपीसी में शांति भंग करने पर गिरफ्तार कर लिया और वहां से रवाना होकर पुलिस थाने के लिए आने लगा  तो रास्ते में चार पांच व्यक्ति शराब के नशे में अपनी बाइकों को मेन रोड पर चला रहे थे और  मोटरसाइकिल उनसे उचित तरीके से नहीं चलाई जा रही थी। इस पर मैंने मेरी पुलिस टीम को निर्देशित किया कि इनको समझाओ और घर जाने के लिए बताओ लेकिन बड़े खेद के साथ बताना पड़ रहा है दोस्तों कि वह लोग शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे और अपनी गलती होने के बावजूद भी वह गलती स्वीकार नहीं कर रहे थे और कहा कि रोड का टैक्स भरते हैं और हम सरकार को बनाते हैं और सरकार हमारे लिए रोड बनाती है सुविधाएं देती है और इस प्रकार पुलिस के कार्य में बाधा डालने लगे और वहां मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया इस पर मैंने मेरी पुलिस टीम की मदद से उन चारों व्यक्तियों को मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 185 में कार्रवाई कर गिरफ्तार कर पुलिस थाने पर लाकर ड्यूटी अधिकारी को सुपुर्द कर दिया और पेट्रोलिंग में की गई कार्रवाई से थाना अधिकारी को भी अवगत करवा दिया। दोस्तों अब 9:30 हो चुके हैं और मैं ड्यूटी से फ्री हो गया हूं और ऊपर मेरे क्वार्टर में जाकर वर्दी खोलना शुरू ही किया था कि एचएम प्रशासन का फोन आया कि श्रीमान आप तुरंत वर्दी पहनकर आ जाइए किसी व्यक्ति का दिल ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली जाना है जिसके लिए ग्रीन कॉरिडोर ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू करवानी है। इस पर दोस्तों मैं तुरंत वापिस थाने आया और ग्रीन कॉरिडोर में 10:00 बजे तक ड्यूटी की और ड्यूटी समाप्त होने के बाद 10:00 बजे बाद वापिस थाने पर आया और अपनी वर्दी खोल कर स्वयं को सेनीटाइजर कर सिविल कपड़े पहने और घर के लिए रवाना हो गया।

  •  प्यारे दोस्तों मैं रात्रि 11:00 बजे घर पर पहुंचा और खाना खाया और मेरा ब्लॉग लिखा। आदरणीय दोस्तों मेरी राय यह है की पुलिस से उच्च गुणवत्ता स्तर की ड्यूटी व कार्यशैली का विकास करने हेतु पुलिस में अनुशासन के नाम पर उत्पीड़न व उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों के नियमों के विरुद्ध पुलिस स्टाफ नियोजित  करना व  उचित स्तर के पुलिस अधिकारियों दवारा मौखिक आदेश  आदि को बंद करना चाहिए। जिससे पुलिस अधिकारी गुणवत्तापूर्ण कार्य कर पाएंगे और इसके सकारात्मक परिणाम जल्दी ही जनता को भी देखने को मिलेंगे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने कई महत्वपूर्ण निर्णय में इस बात का उल्लेख किया है कि सभी न्यायालयों को जनता को न्याय इस प्रकार देना चाहिए कि वह नहीं आई आमजन को दिखना भी चाहिए।
 मेरी दैनिक दिनचर्या   का समापन इस उम्मीद के साथ होता  है कि  भविष्य में मेरी   सलाह  पर विचार कर लागू किया जाएगा और पुलिस की कार्यशैली में इसका सकारात्मक परिणाम और बेहतरीन कौशल देखने को मिलेगा।


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 आदरणीय दोस्तों शुभ रात्रि।






Enlish translate


🌞 my daily routine
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 Dear friends, I work in the police department and my life is very difficult.  I write about this in my blog, if you are interested in me and want to know more about me, then please read my Balong regularly.




 There are three reasons why my daily routine is difficult.  I am going to tell you in this blog: -

 1. Police officers are harassed in the name of discipline in the police.  For example, if a police officer considers something inappropriate in a research that has not been done by the police officials, then he is harassed in the name of discipline.


 2. Employment of police staff in excess of the police staff employed as per the rules with the higher officers of the police department.  For example, at the office / residence of a higher level police officer like IG ADG DGP, more police staff are employed than the police staff employed as per government norms, the lack of police staff is due to the lack of additional duties and other police officers.  To bear as mental stress.


 3. For any work in police department, high level police officers do not give written instructions and give verbal instructions.  For example, when there are demonstrations of rebels or rioters, high level police officers verbally give orders for lathi charge or firing on the brothels or rioters and when a rioter dies and the situation becomes high then  The level police officer tells not to give any kind of order by himself and puts the entire responsibility on the police officer concerned.  Apart from this, there is a state of mental tension and fear among the police officers and thus my daily routine is very difficult.


 This is how my daily routine begins.  I early in the morning 4:00 A.M.  But after waking up retired from morning activities, I run for 4 kilometers and after that I take rest for 30 minutes.  After that I do Pranayam yoga and exercise and then take 30 minutes to take rest and then take rest for 30 minutes and then get ready for breakfast and after packing the food, I left home to go to the police station for duty.


 When I reached the police station at 7:30 and found out my duty, my duty came from my police line to the inspector of arms, cleaning and inspecting all the weapons of the police station, applying oil and checking the weapon itself, then from the police line  The incoming arms inspector had to check the weapons and if the quality of cleanliness during the weapons test was found by the prescribed standards, the weapons had to be stored in the register and the entries were made and the weapons which were set by the weapons inspector  According to the statement, if there was no cleanliness, the weapons had to be cleaned back and after checking with the arms inspector, if the goods were found to be correct, the goods had to be deposited in the register and the full details should be mentioned in the register.  For cleaning weapons, 6 constables and 2 women constables were given to me.  I entered all the weapons in the register and got all the weapons out of the consignment and got all the weapons cleaned by my team and then after checking the weapons with the arms inspector, if found to be correct, then by mentioning the comments to the arms inspector in the consignment register  Deposited and 20 weapons were returned by the inspector after marking the quality of cleaning as not prescribed by the inspector, and 20 weapons were cleaned back and I myself checked first and if found correct, the inspector was checked back and found to be correct  But the inspector also commented on these weapons to be found to be of good quality cleanliness as per the prescribed criteria and I completed this duty by having my team put the weapons in the consignment and making an entry in the register and commenting to the inspector.

 It took me about 8 hours to do this duty.  After that I thanked the weapons inspector.


 After this, the police officer ordered me to go to the petrol in the evening and the police staff of 8 constables and one lady constable with me gave help.  On which I took the police vehicle to the area police station and almost everywhere the rules of Lok Down were being followed.  At some point, some people were gathering in groups, after convincing some people went inside the residence and some people started fighting without any reason from the police and where we do not want to be imprisoned in the house.  The culprit is a bit, I suspect of cognizable offense, I arrested five persons for breach of peace in 151 CRPC and from there started coming to the police station, then on the way four five men got drunk on their bikes in Maine  They were driving on the road and motorcycles were not being run properly by them.  On this, I directed my police team to explain them and tell them to go home, but have to say with great regret that they were driving drunk people and despite their mistake, they are not accepting the mistake.  Were and said that we pay the tax of the road and we make the government and the government makes the road for us, facilities and thus started obstructing the work of the police and blocked the main road there.  With the help of these four persons, after taking action under section 185 of the Motor Vehicle Act 1988, arrested and brought to the police station and handed over the duty to the police officer for the action taken in patrolling.  Friends it is now 9:30 and I am free from duty and started opening the uniform by going to my quarters and I got a call from HM administration that Mr. Aapne immediately come wearing a uniform for someone's heart to be transplanted to Delhi.  Go for which the Green Corridor traffic system has to be managed.  On this, friends, I immediately came back to the police station and did duty in the Green Corridor till 10:00 AM and after the duty was finished, I came back to the police station after 10:00 AM and opened my uniform and sanitized myself and dressed in civil clothes for home.  Departed.


 Dear friends, I reached home at 11:00 pm and had food and wrote my blog.  Respected friends, my opinion is that in order to develop a high quality level of duty and functioning from the police, employing police staff against the rules of harassment and high level police officers in the name of discipline in police and verbal orders by appropriate level police officers  Etc. should be discontinued.  With which police officers will be able to do quality work and its positive results will be seen by the public soon as the Supreme Court has also mentioned in its important decision that all the courts should give justice to the public in such a way that it did not come.  The public should also be visible.

 My daily routine concludes with the hope that my advice will be implemented and considered in the future and that the police will see positive results and excellent skills in its working style.






 Dear friends, good night.





Dutch translate


🌞 mijn dagelijkse routine


 Beste vrienden, ik werk op de politie en mijn leven is erg moeilijk.  Ik schrijf hierover in mijn blog, als je geïnteresseerd bent in mij en meer over mij wilt weten, lees dan regelmatig mijn Balong.



 Er zijn drie redenen waarom mijn dagelijkse routine moeilijk is.  Ik ga je in deze blog vertellen: -

 1. Politieagenten worden lastiggevallen in naam van discipline bij de politie.  Als een politieagent bijvoorbeeld iets ongepasts vindt in een onderzoek dat niet door de politie is gedaan, wordt hij lastiggevallen in naam van de discipline.


 2. Inzet van politiepersoneel boven het politiepersoneel dat volgens de regels in dienst is bij de hogere politiefunctionarissen.  Op het kantoor / de woonplaats van een hogere politieagent zoals IG ADG DGP, bijvoorbeeld, is meer politiepersoneel in dienst dan het politiepersoneel dat volgens overheidsnormen in dienst is, het gebrek aan politiepersoneel is te wijten aan het gebrek aan extra taken en andere politieagenten.  Te dragen als mentale stress.


 3. Voor elk werk bij de politie geven hoge politieagenten geen schriftelijke instructies en geen mondelinge instructies.  Als er bijvoorbeeld demonstraties zijn van strijdkrachten of relschoppers, bestellen politieagenten van hoog niveau verbaal stokken of schoten op de pesters of relschoppers en wanneer een rel oproept en de situatie hoog wordt, dan  De politieagent op niveau zegt dat hij zelf geen bevel moet geven en legt de volledige verantwoordelijkheid bij de betrokken politieagent.  Afgezien hiervan is er een toestand van mentale spanning en angst onder de politieagenten en daarom is mijn dagelijkse routine erg moeilijk.


 Zo begint mijn dagelijkse routine.  Ik vertrek 's morgens vroeg om 04:00 uur.  Maar na wakker te zijn geworden van ochtendactiviteiten, ren ik 4 kilometer en daarna rust ik 30 minuten.  Daarna doe ik Pranayam Yoga en doe ik aan lichaamsbeweging en daarna 30 minuten om uit te rusten en daarna 30 minuten uit te rusten en dan klaar te maken voor het ontbijt en na het inpakken van het eten, verliet ik mijn huis om naar het politiebureau te gaan voor dienst.


 Toen ik om 7.30 uur het politiebureau bereikte en mijn plicht vond, kwam mijn plicht van mijn politielijn naar de wapeninspecteur, waarbij alle wapens van het politiebureau werden schoongemaakt en geïnspecteerd, olie werd aangebracht en het wapen zelf werd gecontroleerd, en vervolgens van de politielijn  De inkomende wapeninspecteur moest de wapens controleren en als de kwaliteit van de netheid tijdens de wapentest volgens de voorgeschreven normen werd gevonden, moesten de wapens in het register worden opgeslagen en werden de vermeldingen gedaan en de wapens die door de wapeninspecteur waren ingesteld.  Volgens de verklaring moesten de wapens, als ze niet schoon waren, worden schoongemaakt en na controle met de wapeninspecteur, of de goederen correct waren bevonden, moesten de goederen in het register worden gedeponeerd en moesten de volledige details in het register worden vermeld.  Voor het schoonmaken van wapens werden mij 6 agenten en 2 vrouwelijke agenten gegeven.  Ik heb alle wapens in het register ingevoerd en heb alle wapens uit de zending gehaald en heb alle wapens schoongemaakt door mijn team en na controle van de wapens met de wapeninspecteur, indien correct bevonden, en vervolgens commentaar te geven aan de wapeninspecteur in de goederenbalk, de goederen te registreren  Gedeponeerde en 20 wapens werden door de inspecteur teruggegeven na het merken van de kwaliteit van de netheid zoals niet bepaald door de inspecteur en 20 wapens werden terug schoongemaakt en ik controleerde zelf eerst en indien correct bevonden, werd de inspecteur opnieuw gecontroleerd en correct bevonden  Maar de inspecteur merkte ook op dat deze wapens volgens de voorgeschreven criteria van goede kwaliteit waren en ik voltooide deze taak door mijn team de wapens in de zending te laten plaatsen en een aantekening in het register te maken en commentaar te geven aan de inspecteur.

 Het kostte me ongeveer 8 uur om deze taak te doen.  Daarna bedankte ik de wapeninspecteur.


 Hierna beval de politieagent mij om 's avonds benzine te gaan halen en gaf de politie van 8 agenten en een dame agente mee voor hulp.  Waarop ik het politievoertuig naar het politiebureau in de buurt nam en bijna overal werden de regels van Lok Down gevolgd.  Op een gegeven moment kwamen sommige mensen in groepen bijeen, nadat ze ervan overtuigd waren dat sommige mensen de residentie binnengingen en sommige mensen zonder enige reden van de politie begonnen te vechten en waar we niet in het huis gevangen willen worden gehouden.  De boosdoener is een beetje, ik vermoed van een waarneembare overtreding, ik arresteerde vijf personen voor een vredesbreuk in 151 CRPC en nadat ik daarvandaan was vertrokken, kwam ik naar het politiebureau, onderweg werden vier vijf mannen dronken op hun fiets in Maine  Ze reden op de weg en motorfietsen werden door hen niet goed bestuurd.  Hierover heb ik mijn politieteam opgedragen om hen uit te leggen en te zeggen dat ze naar huis moeten gaan, maar ik moet met grote spijt zeggen dat ze dronken mensen aan het drijven waren en ondanks hun fout accepteren ze de fout niet.  We waren en zeiden dat we de belasting van de weg betalen en we maken de regering en de overheid maakt de weg voor ons, voorzieningen en begon zo het werk van de politie te belemmeren en blokkeerde de hoofdweg daar.  Met de hulp van deze vier personen, na actie te hebben ondernomen op grond van artikel 185 van de Motor Vehicle Act 1988, gearresteerd en naar het politiebureau gebracht en de taak overgedragen aan de politieagent voor de ondernomen actie.  Vrienden, het is nu 9.30 uur en ik ben vrij van dienst en begon het uniform te openen door naar mijn vertrekken te gaan en ik kreeg een telefoontje van de HM-administratie dat meneer Aap onmiddellijk een uniform droeg om iemands hart naar Delhi te transplanteren.  Ga waarvoor het Green Corridor-verkeerssysteem moet worden beheerd.  Bij deze, vrienden, kwam ik onmiddellijk terug naar het politiebureau en deed dienst in de Groene Gang tot 10:00 uur en nadat de dienst was afgelopen, kwam ik na 10:00 uur terug naar het politiebureau en opende mijn uniform en maakte mezelf schoon en droeg burgerkleding voor thuis.  Vertrokken.


 Beste vrienden, ik kwam om 23.00 uur thuis en had eten en schreef mijn blog.  Gerespecteerde vrienden, mijn mening is dat, om een ​​hoog kwaliteitsniveau van plichten en functioneren van de politie te ontwikkelen, het in dienst nemen van politiepersoneel tegen de regels van intimidatie en politieagenten van hoog niveau in naam van de discipline bij de politie en mondelinge bevelen door politieagenten van het juiste niveau  Enz. Moet worden stopgezet.  Waarmee politieagenten kwaliteitsvol werk kunnen doen en de positieve resultaten ervan zullen door het publiek worden gezien zodra de Hoge Raad ook in haar belangrijke beslissing heeft vermeld dat alle rechtbanken het publiek op zo'n manier moeten rechtvaardigen dat het niet is gekomen.  Het publiek moet ook zichtbaar zijn.

 Mijn dagelijkse routine eindigt met de hoop dat mijn advies in de toekomst zal worden uitgevoerd en overwogen en dat de politie positieve resultaten en uitstekende vaardigheden zal zien in haar werkstijl.




 Beste vrienden, goede nacht.

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