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मंगलवार, 23 जून 2020

https://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/06/1.html/22/6/20/police/harrasment/duty



मेरी दैनिक दिनचर्या
                         

HINDI/ENGLISH
                         

POLICE
                                         
                                         
  •     मैं पुलिस विभाग में कार्य करता हूं और मेरा जीवन बहुत कठिन है , इसी के बारे में मैं अपने ब्लॉग में लिखता हूं। यदि आपको मेरे ब्लॉग को पसंद करते हो और मेरे बारे में अधिक जानना चाहते हो तो कृपया नियमित रूप से मेरे ब्लॉग को पढ़ा करें।
    ·   मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है। मेरी दैनिक दिनचर्या के कठिन होने के कई कारण है ,लेकिन उन सब का एक ब्लॉग में शामिल करना असंभव है। इसलिए मैं आप आदरणीय दोस्तों को तीन कारण निवेदन कर रहा हूं। जो इस प्रकार है।
https://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/06/1.html
police car
  •   1.पुलिस विभाग में सुविधानुसार ड्यूटियो का आवंटन नहीं किया जाता है। आदरणीय दोस्तों पुलिस विभाग में यदि कोई पुलिस अधिकारी किसी निश्चित स्थान पर ड्यूटी करना चाहता है तो उस पुलिस अधिकारी की ड्यूटी उसके द्वारा बताए गए स्थान से बिल्कुल अलग स्थान में लगाते हैं। जिस से संबंधित पुलिस अधिकारी प्रसन्न चित्त  मन पूरी गुणवत्ता के साथ ड्यूटी नहीं कर पाता है। मानसिक अवसाद में रहता है। और यदि पुलिस अधिकारी को उसकी आवश्यकता अनुसार ड्यूटी दे दी जाती है तो वह पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी प्रसन्न चित्त और पूरे लगन और जोश से ड्यूटी करता , जबकि वहां वैसे भी अन्य किसी पुलिस अधिकारी की ड्यूटी लगाते हैं तो क्यों ना वहां पर जो पुलिस अधिकारी ड्यूटी करना चाहता है उसी को ड्यूटी पर लगा दिया जावे। लेकिन पुलिस विभाग में ऐसा नहीं होता है। इसलिए पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। और मानसिक तनाव में रहते हैं और इसका असर पुलिस की कार्यप्रणाली पर दिखता है। इस प्रकार मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है।
  •   2. पुलिस विभाग में कार्य कम और परेशानी ज्यादा होती है। आदरणीय मित्रों पुलिस विभाग में कार्य ज्यादा नहीं होता है। लेकिन परेशानी ज्यादा होती  संतुलित व्यवस्था नहीं होती है। उदाहरण के लिए दोस्तों जैसे अति विशिष्ट व्यक्ति के आगमन की ड्यूटी हो या रैली , प्रदर्शन ,धरना आदि हो समय से पूर्व करीब 5 घंटे पहले ड्यूटी पर भेज दिया जाता है। और जब मुख्य ड्यूटी का समय आता है जब तक पुलिस अधिकारी थक जाते हैं और ऊब  जाते है।और इस दौरान  पुलिस अधिकारियों के चाय नाश्ता या लंबी ड्यूटी हो तो भोजन की कोई व्यवस्था नहीं होती है। इस प्रकार की ड्यूटीयों में पुलिस अधिकारी ड्यूटी से कम और ड्यूटीयों की अव्यवस्था से ज्यादा परेशान हो जाता है। इसी कारण मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है।
  •      3.पुलिस विभाग मैं ड्यूटीयो के अनुसार संसाधन उपलब्ध नहीं करवाते हैं। आदरणीय दोस्तों पुलिस अधिकारियों की एक बड़ी समस्या यह है कि पुलिस विभाग में ड्यूटी के अनुसार संसाधन उपकरण उपलब्ध नहीं करवाए जाते हैं। उदाहरण के लिए पुलिस अधिकारियों की डयुटीया कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संक्रामक बीमारी अस्पताल में लगाई जाती है तो पुलिस अधिकारियों को कोरोना से बचाव के लिए कोई उपकरण या किट नहीं देते और उनके नाम पर केवल मास्क देते हैं जो भी बिल्कुल घटिया क्वालिटी का। आदरणीय दोस्तों बड़े अफसोस की बात है कि अधिकारी अपनी जान को खतरा  जानते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने को मजबूर है। आदरणीय दोस्तों आप ही सोचे कि एक पुलिस अधिकारी का जीवन को जितना कठिन कहा जाए उतना कम है। और दोस्तों बड़े आश्चर्य की बात है कि उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी और ड्यूटी  जांच अधिकारी संक्रामक अस्पताल में पुलिस टीम को जांच करने तक नहीं जाते हैं ,मरने से डरते हैं। इन कारणों से मेरी दैनिक दिनचर्या  बहुत कठिन है।


  •    मेरी दैनिक दिनचर्या की शुरुआत इस  प्रकार होती है कि मैं सुबह जल्दी 4:00 a.m. पर जाकर सुबह की क्रियाओं से निवृत्त होकर 4 किलोमीटर की दौड़ करके आता हूं और इसके बाद 30 मिनट का विश्राम करता हूं और फिर इसके बाद  मैं प्रणामयाम और योगा व्यायाम करता हूं। इसके पश्चात 20 मिनट का विश्राम करता हूं और फिर से तैयार होकर नाश्ता करता हूं और खाना पैकिंग करवा कर घर से ड्यूटी हेतु पुलिस थाने के लिए रवाना हो जाता हूं। और घर से  रवाना होकर 7:30 मिनट पर पुलिस थाने पर पहुंचकर एचएम प्रशासन से ड्यूटी का पता किया  तो बताया कि आपकी ड्यूटी नाकाबंदी मे राज सिंह चौराहा पर है और आपके साथ 8 कॉन्स्टेबल और 3 महिला कॉन्स्टेबल भी है।  मैं मेरी पुलिस टीम को लेकर 7:55 a.m. पर मैं और मेरी पुलिस टीम डयुटी पर पहुंच गए।  
  •  आदरणीय दोस्तों मैंने दोपहर 1:00 बजे तक नाकाबंदी ड्यूटी में करीब 500 वाहन चेक  किए। उनमें से सात वाहनों को लोक डाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर जप्त कर पुलिस थाने पर खड़ा करवाया गया। दिन ड्यूटी अधिकारी को सुपुर्द कर दिया वा 100 वाहनों का लोक डाउन के नियमों का पालन नहीं करने पर चालान किया गया 30 व्यक्तियों को पुलिस  के राजकार्य में बाधा पहुंचा रहे थे को 151 सीआरपीसी में गिरफ्तार कर दिन ड्यूटी अधिकारी को सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद 3:50 पर थाना प्रभारी का फोन कॉल प्राप्त हुआ कि आप थाने पर   जाइए आपको 10 आरोपियों को न्यायालय में पेश करके आना हैइस पर में थाना प्रभारी के निर्देशानुसार थाने पर आकर 5 कॉन्स्टेबल को साथ में लेकर 10 आरोपियों को लेकर पुलिस थाने से न्यायालय के लिए रवाना हुआ। पुलिस थाने से रवाना होकर आरोपियों को साथ लेकर न्यायालय पहुंचा और आरोपियों की पत्रावली श्रीमान न्यायिक अधिकारी महोदय के समक्ष पेश की। श्रीमान न्यायिक अधिकारी ने आरोपियों की पत्रावली को प्राप्त कर क्रमशः बारी-बारी से सभी आरोपियों  की पत्रावलीयों का अवलोकन कर सभी आरोपियों को बारी-बारी से बुला कर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया और इस प्रकार श्रीमान न्यायिक अधिकारी ने सभी आरोपियों का पक्ष सुनने के बाद पुलिस के पत्रावली संबंधी अन्य कोई विशेष विवरण के बारे में पूछने पर पुलिस ने भी अपना पक्ष रखने के लिए सारे तथ्य श्रीमान न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश किए। इसके बाद आरोपियों पुलिस दोनों का पक्ष सुनने के बाद श्रीमान न्यायिक अधिकारी ने दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए तथ्यों का पत्रावली का अवलोकन कर सभी आरोपियों को 50000 के जमानत मुचलका पर वह 6 माह की  समयावधि के लिए शांति कायम रखने के लिए पाबंद कर रिहा करने के आदेश फरमाए। जिस पर आरोपियों ने अपने  जमानती वकील के द्वारा पेश किए और आरोपियों को श्रीमान न्यायिक अधिकारी महोदय के आदेशानुसार रिहा कर दिया गया। इसके बाद मैं और मेरी पुलिस टीम न्यायालय से पुलिस थाने के लिए रवाना हुए और न्यायालय से रवाना होकर पुलिस थाने पर आए और संपूर्ण हालात श्रीमान थाना अधिकारी महोदय को निवेदन किए गए इसके बाद जनरल डायरी में मेरी और मेरी पुलिस टीम की वापसी अंकित करवाई और आरोपियों के बारे में विवरण जनरल  डायरी में अंकित करवाया गया। इससे आपको भी प्रतीत हो गया होगा कि मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत व्यस्त है बहुत कठिन है। इसके बाद मैं थाना प्रभारी के निर्देशानुसार कोविड-19 कोरोना बीमारी से बचाव जागरूकता लॉकडाउन में पुलिस की ड्यूटीयों से संबंधित सभा का आयोजन श्रीमान डीसीपी जयपुर द्वारा 6:00 पीएम पर निर्धारित होने के कारण में सभा में शामिल होने के लिए पुलिस थाने से डीसीपी कार्यालय जयपुर के लिए रवाना हो गया। में पुलिस थाने से रवाना होकर डीसीपी कार्यालय पहुंचा और सभा में शामिल हुआ सभा में पुलिस उपायुक्त महोदय जयपुर ने मुझसे  पुलिस थाना इलाके में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या ठीक होने वाले व्यक्तियों की संख्या और जांच करा चुके व्यक्तियों की संख्या  और उनके साथियों की पहचान के बारे में जानकारी मांगी जो मैंने श्रीमान डीसीपी साहब को नियमानुसार उपलब्ध करवा दी। और डीसीपी महोदय ने कोरोना से बचाव और आमजन में कोरोना के प्रति जागरूकता का प्रसार करने के लिए भी निर्देश दिए। जिनकी नियमानुसार पालना की जाएगी। और पुलिस उपायुक्त महोदय ने  कोरोना के समय में ड्यूटी संयम और धैर्य और जनता के साथ मिलनसार व्यवहार करते हुए और आमजन को राहत देते हुए करने संबंधी निर्देश दिए। और गरीब और जरूरतमंद लोगों को प्रशासनिक अधिकारियों समाजसेवी संस्थाओं से संपर्क कर भोजन पानी और खाद्य सामग्री की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। और इस प्रकार पुलिस उपायुक्त महोदय ने सभी पुलिस थानों से आये पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश दिए और सभा का समापन हुआ और रात्रि 9:00 बजे श्रीमान डीसीपी कार्यालय से पुलिस थाने के लिए रवाना हुआ। और रात्रि 9:30 पीएम पर पुलिस थाने पर पहुंचा और थाना अधिकारी को पुलिस उपायुक्त महोदय द्वारा दिए आदेश निर्देश से अवगत करवाया। और संपूर्ण हालात जनरल डायरी में अंकित करवाया और इस प्रकार 10:00 बज चुके हैं लेकिन मेरी दैनिक दिनचर्या का समापन नहीं हुआ है। इसी दौरान पुलिस नियंत्रण कक्ष से आपातकाल फोन आया की आपके पुलिस  थाना इलाके में शांति पथ पर दो कारे आपस में आमने सामने से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। आप मौके पर जाइए और स्थिति को नियंत्रण में कीजिए।  मैं  सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गया और दोनों कारों में 4 व्यक्ति घायल थे। जिनको बाहर  निकलवाकर एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया। और क्रेन मंगवा कर  क्षतिग्रस्त कारों को सड़क से साइड में करवाया और पुलिस थाना दुर्घटना को सूचित किया और सड़क पर यातायात को सुचारू करवाया और दुर्घटना पुलिस थाना के पुलिस अधिकारी के आने पर पूरी स्थिति से अवगत करवाकर पूरी कार्रवाई के बारे में पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित किया और थाना प्रभारी को भी की गई कार्रवाई से अवगत करवाया गया।  और इसके बादमैं दुर्घटना स्थल से रवाना होकर पुलिस थाने पर आया और जनरल डायरी में संपूर्ण कार्रवाई का अंकन करवाया। इस प्रकार में दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन और बहुत व्यस्त है इसके बाद एचएम थाना प्रशासन ने मेरे को कहा कि श्रीमान रात्रि 11:00 बज चुके हैं और आपकी ड्यूटी समाप्त हो चुकी है। इसके बाद मैं मेरे क्वार्टर में गया और पुलिस पोशाक को गर्म पानी से धो कर  स्नान कर स्वयं को सैनिटाइजर किया और खाना खाया और परिवार वालों के समाचार लिए। ऐसे मेरी दैनिक दिनचर्या  बहुत मुश्किलों भरी है।
  •  निष्कर्ष राय:- मेरी दैनिक दिनचर्या  से आप आदरणीय दोस्तों को महसूस हो गया होगा कि मेरी दैनिक दिनचर्या  बहुत कठिन है बहुत तनावपूर्ण है। पुलिस अधिकारी हमेशा बहुत ही तनाव में रहते हैं और अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं और ही समाज में अपनी भागीदारी दे पाते हैं इस तरह मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत ही व्यस्त और तनाव भरी है।
  •  मेरी दैनिक दिनचर्या  के बारे में राय:- पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी के समय के घंटे निर्धारित किए जाने चाहिए। पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी के अनुसार संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। पुलिस अधिकारियों के मानसिक तनाव को कम करने के लिए योगा व्यायाम आदि कार्यशाला में समय-समय पर आयोजित की जानी चाहिए। पुलिस अधिकारियों को सप्ताह में एक बार अवकाश जरूर दिया जाना चाहिए जिससे कि पुलिस अधिकारी अपने परिवार को समय दे सके। पुलिस विभाग में ड्यूटी का सही समय निर्धारित किया जाना चाहिए। पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी  का आवंटन उनकी सुविधा अनुसार होना चाहिए।
                   http://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/06/1.html/20-6-20/police/long and hard duty


  •   मेरी दैनिक दिनचर्या का समापन इस विश्वास के साथ होता है कि आने वाले समय में पुलिस अधिकारियों को उनकी ड्यूटी के अनुसार संसाधन उपकरण उपलब्ध होंगे वह पुलिस अधिकारियों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए ड्यूटी के समय के घंटे कम निर्धारित करेंगे पुलिस अधिकारियों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए योगा व्यायाम आदि की कार्यशाला में समय-समय पर आयोजित की जाएगी और पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी  का  आवंटन उनकी सुविधा अनुसार होगा। इसका परिणाम यह होगा कि पुलिस की कार्यप्रणाली की गुणवत्ता में बहुत ज्यादा सुधार होगा और पुलिस अधिकारी पूरी मेहनत और लगन के साथ ड्यूटी करेंगे और इसका असर यह होगा कि पुलिस अपराधों का ग्राफ  00 शुन्य कर आमजन को पूर्ण राहत देगी और आम जनता बिना भय  के शांतिपूर्ण माहौल में अपने जीवन स्तर को बेहतर करेगी। जो समाज और देश को प्रगति के नए आयाम पर ले जाएंगे। इसी के साथ मेरी दैनिक दिनचर्या का समापन हुआ

                                                                                      


English translation
                                      


My daily routine
                                    

POLICE
                                                 
                                                 


·     I work in the police department and my life is very difficult, this is what I write in my blog.  If you like my blog and want to know more about me, please read my blog regularly.

·         My daily routine is very hard.  There are many reasons why my daily routine is difficult, But it is impossible to include them all in a blog.  Therefore, I am requesting three reasons to your esteemed friends.  which is like this.

https://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/06/1.html/22/6/20/police/harrasment/duty
police helicopter



·     1.Dutio is not allocated at the Police Department for convenience.  Respected friends, if a police officer wants to do duty at a certain place in the police department, then the duty of that police officer is placed in a place completely different from the place mentioned by him.  With which the concerned police officer is not able to do duty with a happy mind and full quality.  Lives in mental depression.  And if the police officer is given the duty as per his requirement, then that police officer will do his duty with a happy mind and with full dedication and vigor, whereas any other police officer does the duty there, then why not the police officer there  He wants to do duty, he should be put on duty.  But this does not happen in the police department.  Therefore, police officers are unable to perform their duties properly.  And living under mental stress and its effect is seen on the functioning of the police.  Thus My daily routine is very difficult.

·   2. Work is less and more troublesome in police department.  Respected friends, there is not much work in the police department.  But the problem is not balanced system.  For example, a very special person like friends is sent on duty about 5 hours before the time of arrival duty or rally, demonstration, picketing etc.  And when the time of main duty comes till the police officers are tired and bored. And during this time there is no arrangement of food when the police officers have tea breakfast or long duty.  In these types of duties, the police officer becomes less concerned with duty and more disturbed by the dislocation of duties.  This is why My daily routine is very difficult.

·  3. According to Dutio, the police department does not provide resources.  Respected friends One of the major problems of police officers is that resources and equipment are not provided as per duty in the police department.  For example, Dutia Corona of Police Officers is put in the infectious disease hospital for the treatment of patients, then Police Officers do not provide any equipment or kit to protect against Corona and give only masks in their name which is also of inferior quality.  Respected friends, it is a matter of great regret that the officer is forced to do duty, putting his life at risk, knowing his life is in danger.  Respected friends, you may think that the life of a police officer is less difficult.  And friends are very surprised that high level police officers and duty investigation officers do not even go to the infectious hospital to check the police team, afraid of dying.  For these reasons My daily routine is very hard.

·     My daily routine starts at 4:00 a.m. early in the morning.  But after going through the morning activities, I come for a 4-kilometer run and after that I rest for 30 minutes and then I do pranamayam and yoga and exercise.  After this, I rest for 20 minutes and get ready and have breakfast and after packing the food, I leave home for the police station for duty.  And after leaving from home, reached the police station at 7:30 and found out the duty from HM administration, then told that your duty is in the blockade at Raj Singh intersection and you have 8 constables and 3 women constables with you.  I took my police team at 7:55 a.m.  But I and my police team reached duty.

·    Respected friends, I checked around 500 vehicles in blockade duty till 1:00 pm.  Seven of them were seized for violating the rules of Lok Down and erected at the police station.  The day was handed over to the duty officer or 100 vehicles were challaned for not following the rules of Lok Down.  30 persons who were obstructing the police work were arrested in 151 CRPC and handed over to Duty Officer.  After this, I received a phone call of the station in-charge at 3:50 that you should come to the police station and you have to present 10 accused in the court, on this, according to the instructions of the station in-charge, come to the police station with 5 constables along with 10 accused  Left for the court from the police station.  Departed from the police station, reached the court with the accused and presented the letter of the accused to Mr. Judicial Officer.  Mr. Judicial Officer after receiving the letter of the accused, respectively, took turn by turn by reviewing the letters of all the accused, giving all the accused an opportunity to present their case in turn and thus Mr. Judicial Officer heard the case of all the accused  After asking about the police and any other specific details related to the letter of the police, the police also presented all the facts before Mr. Judicial Officer to present his case.  After this, after hearing the side of both the accused and the police, Mr. Judicial Officer, after observing the facts and leaflets presented by both the parties, on a bail bond of 50000 to all the accused, he is prohibited to maintain peace for a period of 6 months.  Ordered to release tax  Upon which the accused were produced by their bailable lawyer and the accused were released as per the order of Mr. Judicial Officer.  After this, me and my police team left from the court to the police station and after leaving from the court came to the police station and the whole situation was requested to the officer Mr. station, after this the general diary marked the return of me and my police team and  Details about the accused were recorded in the General Diary.  It must have made you feel that my daily routine is very busy, very difficult.  Thereafter, according to the in-charge of the station in-charge Kovid-19 Corona Disease Prevention Awareness and lockdown related gathering of police duties is scheduled to be attended by Mr. DCP Jaipur at 6:00 P.M.  The office left for Jaipur.  I reached the DCP office leaving the police station and joined the gathering. Deputy Commissioner of Police, Jaipur, asked me to identify the number of corona infected persons and the number of people recovering in the police station area and the number of persons who have been investigated and their associates  Asked for information about which I made available to Mr. DCP Saheb as per rules.  And the DCP sir also gave instructions to protect the corona and spread awareness of the corona among the general public.  Whose rules will be maintained.  And the Deputy Commissioner of Police instructed him to do duty restraint and patience in Corona's time and treat the people amicably and provide relief to the common man.  And instructed the poor and needy people to contact the administrative authorities and social organizations to arrange food, water and food items.  And thus the Deputy Commissioner of Police gave directions in this regard to the police officers from all the police stations and the meeting ended and at 9:00 pm Mr. DCP left for the police station from the office.  And reached the police station at 9:30 P.M. and made the police officer aware of the order instructions given by the Deputy Commissioner of Police.  And the entire situation was mentioned in the General Diary and thus it is past 10:00 but my daily routine has not ended.  Meanwhile, an emergency call was received from the police control room that two cars collided with each other face-to-face on Shanti Path in your police station area.  Go to the spot and control the situation.  I reached the spot as soon as the information was received and 4 persons were injured in both the cars.  Who was sent out and sent to hospital by ambulance.  And after getting the crane to get the damaged cars from the side of the road and inform the police station accident and smooth the traffic on the road and inform the police control room about the whole action by informing the whole situation on arrival of the police officer of the accident police station.  Informed and the station in-charge was also informed about the action taken.  And after this, I left the accident site and came to the police station and got the general diary marked the entire action.  In this type of daily routine is very difficult and very busy. After this, the HM Police Station administration told me that Mr. President is past 11:00 and your duty is over.  After this I went to my quarters and washed the police dress with hot water, bathed and sanitized myself and had food and news for family members.  Such is My daily routine very difficult.

      http://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/06/1.html/20-6-20/police/long and hard duty



https://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/06/1.html/22/6/20/police/harrasment/duty
mydailyroutine251(police officer)


·  Conclusion and opinion: - My daily routine, you respected friends must have realized that my daily routine is very difficult and very stressful.  Police officers are always very tense and are unable to give time to their family nor give their participation in the society, thus my giving routine is very busy and stressful.
 
·     Opinion about My daily routine: - The hours of duty of police officers should be fixed.  Police officers should be provided adequate resources as per duty.  Yoga and exercise etc. should be organized from time to time in the workshop to reduce the mental stress of police officers.  Police officers must be given a holiday once a week so that the police officer can give time to his family.  The exact time of duty should be determined in the police department.  The duty of police officers should be allocated according to their convenience.


 
·    My daily routine concludes with the belief that in the coming time, police officers will have the resources and equipment to do their duty, they will reduce and fix the hours of duty to reduce the mental pressure of the police officers and the police  In order to protect officers from mental stress, Yoga exercise etc. will be organized in the workshop from time to time and the duty of police officers will be allotted according to their convenience.  The result will be that the quality of police functioning will be greatly improved and the police officers will do duty with diligence and dedication and this will result in zero relief of police crimes and give full relief to the common man and the general public without fear.  And will improve their standard of living in a peaceful environment.  Which will take the society and the country to a new dimension of progress.  With this My daily routine ended.

http://mydailyroutine251.blogspot.com 16.02.2021

                                 ब्लॉग परिचय                         मेरी दैनिक दिनचर्या नमस्कार आदरणीय दोस्तों   आप सबका मेरे ब्लॉग में हार...