सोमवार, 4 मई 2020

Qute day 4-5-2020

 आदरणीय दोस्तों नमस्कार,
   जैसा कि आप सब   दोस्तों को विदित है कि मैं पुलिस विभाग में कार्य  करता हूं  और अपनी दिनचर्या के बारे में लिखता हूं, आदरणीय दोस्तों यदि आप मेरे बारे में अधिक जानना चाहते हो तो कृपया  मेरे  ब्लॉग पर मेरी दिनचर्या को पढ़ा करिए। सम्मानीय दोस्तों आज की जो दिनचर्या है वह बहुत ही रोमांचक और सस्पेंस करने वाली है। दोस्तों आज सुबह मैं उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर ड्यूटी के लिए तैयार हुआ और नाश्ता कर  8:00 एम पर घर से ड्यूटी के लिए रवाना हो गया  9:00 एम पर ड्यूटी पर पहुंचा। दोस्तों आपको यह जानकर बड़ा हर्ष होगा कि आज मेरी ड्यूटी एक महत्वपूर्ण सर्किल पर नाकाबंदी में लगी थी और मेरे अधीनस्थ छह और पुलिस स्टाफ था। दोस्तों जैसा की आपको विदित है अभी भारत और दुनिया भर में लोग कोरोना कोविड 19 वायरस की भयंकर चपेट में आ रहे हैं, इससे बचाव के लिए सभी देशों की सरकारें अपने नियमानुसार, विवेका अनुसार अपने-अपने देशों में लोक डाउन कर रखा है जिनमें अति आवश्यक सेवाएं अपवाद स्वरूप है। इसी के मद्देनजर मेरी ड्यूटी एमपी सर्किल पर लगाई गई। मैं वाहनों को चेक करवा रहा था कि कोई अनावश्यक वाहन लेकर रोड पर नहीं निकले और बीमारी को और अधिक फैलने से रोकने में सहयोग कर  पाये। इसी दौरान एक टवेरा गाड़ी में सवार होकर  एक महिला जो लाल रंग की टीशर्ट पहनी थी गोरी चिट्टी थी जो ड्राइवर के पीछे वाली  सीट पर अकेली बेटी थी जैसे ही मेरे कॉस्टेबल  ने नाकाबंदी पॉइंट पर उस गाड़ी को रुकवाया तो बड़ी हैरत की बात है और आश्चर्य की बात है की उस गाड़ी के ड्राइवर ने पुलिस को कोई जवाब नहीं दिया इससे पहले पीछे बैठी महिला जो उम्र लगभग  40 वर्ष करीब थी वह बोली आपने गाड़ी कैसे रोक ली मेरे पिताजी आर्मी में अधिकारी है ऐसे में कॉन्स्टेबल और उस महिला में बहस हो गई यह देख कर मैंने मामले को सुलझाने के लिए उस औरत के पास गया गाड़ी के पास गया तो देखा कि वह औरत हाथ में शराब का गिलास लिए हुए थी और शराब पी रखी थी तब  मेरे को कॉन्स्टेबल ने बताया कि सर यह महिला संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दे रही है ।और अपने आप को सैन्य अधिकारी की बेटी बता रही है। आदरणीय दोस्तों, मैं यह देख कर बहुत दुखी हुआ और सोचा कि इस दुनिया में किस प्रकार के लोग हैं जो गलती कर रहे हैं और अपनी गलती भी एक्सेप्ट नहीं कर रहे हैं और साथ में पुलिस स्टाफ के साथ  दुर्व्यवहार कर रहे हैं और वह भी एक महिला होकर फिर मैंने महिला से बात की कि आप मेरे को बताइए आप की क्या समस्या है तो उसने मेरे को बताया कि मेरे पिताजी सैन्य अधिकारी है। तो मैंने उस महिला को बताया कि आप अपने रहन सहन व पोशाक से  सभ्य लगती हो ।आपको यह व्यवहार शोभनीय नहीं है और आप यह सैन्य अधिकारी की बेटी होने के नाते तो बिल्कुल भी यह व्यवहार शोभनीय नहीं है और  न हीं स्वीकार्य है, आप अपनी गलती स्वीकार कीजिए और आप जाइए और जो यह कॉन्स्टेबल आपसे बात कर रहा है आपको जवाब पूछ रहा है उसका संतुष्टि पूर्ण जवाब दीजिए। जो कॉन्स्टेबल या कोई भी कर्मचारी जो ऑन ड्यूटी है वह अपने आप में सर्वे सर्वा है, यह याद रखिए और जाइए। आदरणीय दोस्तों उसके बाद उस महिला ने बमुश्किल अपनी गलती स्वीकार की और वह अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना हो गई। आदरणीय दोस्तों आज बड़े अफसोस की बात है कि लोग चाहे महिला हो या पुरुष अपनी गलती होने के बावजूद अपनी गलती महसूस नहीं करते और कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करते हैं जो बड़े दुख और  अफसोस का विषय है और देश के लिए भी अच्छा नहीं है। हालांकि सभी लोग  एक समान नहीं होते बहुुत से नागरिक शालीन व्यवहार करते हैं और अपने देश के नियमों का पालन करते हैं और देश की कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने में अपना  महत्वपूर्ण व अमूल्य सहयोग प्रदान करते हैं। दोस्तों इसके बाद मैं और मेरा स्टाफ पुनः वाहनों को चेक कर अपनी ड्यूटी को नियमित किया और इस प्रकार ड्यूटी करते हुए हमें 2:00 बज गए दोस्तों इसी दौरान एक ड्राइवर एक वाहन लेकर आया जो अनुमति मांगने पर अनुमति नहीं दे पाया क्योंकि दोस्तों लोक डाउन में वाहन कहीं बाहर ले जाने पर अनुमति की आवश्यकता होती है बडा आश्चर्य करने वाली बात तो यह है, दोस्तों की एक ड्राइवर के पास ना ही तो  स्वयं का ड्राइवर लाइसेंस है और ना ही वाहन के कोई कागजात है और फिर भी बड़े  आत्मविश्वास से गैर    जिम्मेदारना जवाब दिया जा रहा है। इस पर दोस्तों मैंने उक्त ड्राइवर के वाहन को नियमानुसार 207 एमवी एक्ट में जप्त कर दिया और रसीद की एक प्रति ड्राइवर को दे दी और जपत सुधा वाहन को एक कॉन्स्टेबल के द्वारा पुलिस थाने पर भिजवा दिया। लेकिन दोस्तों  अब एक बेबसी और भावनात्मक संवेदनशीलता का मोड आएगा आप देखिए बहुत मजा आएगा और आपका दिल खुश भी होगा। थोड़ी देर बाद मेरे मोबाइल पर एक फोन आया मैंने कॉल अटेंड किया तो उधर से एक बुजुर्ग महिला की आवाज आ रही थी उसने मुझे कहा मैं आपके थाने इलाके में रहती हूं मेरे साथ मेरे पति रहते हैं जो पहले विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे अब रिटायर हो चुके हैं। मैं और मेरे पति अक्सर बीमार रहते हैं और जो गाड़ी आपने जप्त की है यह गाड़ी मेरी दवाइयां और मेरी घरेलू जरूरतों के लिए मेरे ड्राइवर को दे रखी है इसको बातचीत करने के तौर-तरीके नहीं है इसलिए मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूं की आप मेरी गाड़ी छोड़ दीजिए तो मैंने उस औरत से कहा की माताजी आपका वाहन जप्त हो चुका है यह नॉक डाउन के बाद न्यायालय से छूटेगा लेकिन वह गिड़गिड़ाने लगी और मेरे हाथ जोड़ ने लगी और अपनी बेबसी  और संवेदनशीलता  और लाचारी मेरे को प्रकट की।  आदरणीय दोस्तों एक तरफ मुझे उस बेवकूफ ड्राइवर पर गुस्सा आ रहा था और दूसरी तरफ बुजुर्ग महिला की बेबसी और लाचारी और बीमारी के कारण दया आ रही थी और मैं  भ्रमित
 हो रहा था कि क्या करूं क्या नहीं करूं मेरा दिमाग कह रहा था की वाहन जब हो गया है अब नहीं छोड़ना है और मेरा  दिल कह रहा था कि वह बुजुर्ग औरत और उसका पति बुजुर्ग और बीमार है उनकी देखभाल के लिए इस वाहन के अलावा उनके पास और कोई साधन नहीं है उनका वाहन  स्वयं  की जोखिम पर छोड़ देना चाहिए। इसी स्थिति में मैं निर्णय नहीं ले पा रहा था। फिर मैंने मेरे दिल को सपोर्ट किया और उस बुजुर्ग औरत की जगह स्वयं को मानकर वाहन को छोड़ने का फैसला किया और इस बारे  मैंने मेरे सीनियर अधिकारी थाना प्रभारी को निवेदन किया तो थाना प्रभारी ने मेरे को कहा कि आप अपने विवेक से कार्य कीजिए। और अंततः मैंने उस वाहन को मुक्त कर दिया और महिला ने मेरे को पुनः मोबाइल के माध्यम से बहुत सी दुआएं दी। आदरणीय दोस्तों यकीन मानिए इससे मेरा दिल बहुत खुश हुआ और भीतर से एक अंजानी खुशी का एहसास हुआ और इस प्रकार मेरी ड्यूटी और आज की मेरी दिनचर्या समाप्त हुई ।धन्यवाद  आदरणीय दोस्तों।




ENGLISH TRANSLATE


Hello friends,



 As you all friends know that I work in the Police Department and write about my routine, Respected Friends, if you want to know more about me, please read my routine on my blog.  Respectable friends, the routine that exists today is very exciting and suspenseful.  Friends, this morning I got up, retired from my daily duties and got ready for duty and left for duty from home at 8:00 M and reached duty at 9:00 M.  Friends, you will be very happy to know that today my duty was under blockade on an important circle and I had six more police staff.  Friends, as you are aware, right now people in India and all over the world are in the grip of the corona covid 19 virus, to prevent this, the governments of all countries have put down the people in their respective countries according to their rules, discretionary  Necessary services are exceptions.  In view of this, my duty was imposed on MP Circle.  I was getting the vehicles checked so that no unnecessary vehicles would come out on the road and help prevent the disease from spreading further.  In the meantime, a woman riding a Tavera vehicle wearing a red t-shirt was Gori Chitti who was the only daughter in the driver's back seat as soon as my constable stopped the car at the blockade point, it was astonishing and surprising.  It is a matter of fact that the driver of that vehicle did not give any answer to the police. Before that the woman sitting behind was about 40 years old, she said, how did you stop my car?  Father is an officer in the army, so the constable and the woman got into an argument, seeing this, I went to the woman to solve the case and went to the car and saw that the woman was holding a glass of wine in her hand and drank alcohol.  Then the constable told me that this lady is not giving full satisfaction, and is calling herself the daughter of a military officer.  Respected friends, I was very sad to see and what kind of people are there in this world who are making mistakes and not even accepting their mistakes and mistreating the police staff together and that too  Being a woman, then I talked to the woman that you tell me what is your problem, she told me that my father is a military officer.  So I told the woman that you look decent with your way of life and dress. You do not deserve this behavior and you, being the daughter of this military officer, this behavior is not at all acceptable nor acceptable, you  Accept the mistake and you go and the satisfaction of the constable who is talking to you is asking you the answer.  Remember that the constable or any employee who is on duty is a survey survey in itself.  Respected friends After that the lady barely admitted her mistake and left for her destination.  Respected friends today, it is a matter of great regret that people, whether women or men, do not feel their fault despite their fault and try to take the law in their hands which is a matter of great sorrow and regret and also not good for the country.  is.  Although not all people are equal, the citizens behave decently and follow the rules of their country and provide their valuable and invaluable support in maintaining the law and order and peace of the country.  Friends, after this, I and my staff regularized their duty by checking the vehicles again and while doing duty in this way, it was 2:00 pm Friends, during this time, a driver brought a vehicle which could not give permission when he asked for permission, because friends folk down  I need permission to take the vehicle out somewhere. It is a big surprise that a driver of friends does not have his own driver.  The Isens is and no papers of the vehicle and is still being non responsibly responded with aplomb.  On this, friends, I seized the above driver's vehicle in 207 MV Act as per rules and gave a copy of the receipt to the driver and sent the Japat Sudha vehicle to the police station by a constable.  But friends, a mode of helplessness and emotional sensitivity will come, you will see a lot of fun and your heart will also be happy.  After a while, I got a call on my mobile, I attended the call, there was an old woman's voice coming from there. She told me, I live in your police station area. I live with my husband, who was previously a professor in the university, now retired.  Huh.  My husband and I are often ill and the vehicle you have given to me for my medicines and my domestic needs is not a way to communicate, so I pray with folded hands  Leave my car, then I told the lady that your vehicle has been seized, mother, it will be out of the court after the knockdown, but she started pleading and my hands  The man started and showed his helplessness and sensitivity and helplessness to me.  Respected friends, on the one hand I was angry at that stupid driver and on the other side, due to the helplessness and helplessness and sickness of the elderly woman, I was kind and confused.


 It was happening that what should I do, what should I do, my mind was saying that when the vehicle is done, it is no longer to leave and my heart was saying that the elderly woman and her husband are elderly and sick, besides this vehicle for their care.  There is no other means to leave their vehicle at their own risk.  I was unable to take a decision in this situation.  Then I supported my heart and decided to leave the vehicle, assuming myself instead of that old lady, and I requested my senior officer in-charge of the station, then the in-charge of the station asked me to act at your discretion.  And finally I freed that vehicle and the lady gave me a lot of blessings via mobile again.  Respected friends, believe it made my heart very happy and I felt a sense of inner joy and thus ended my duty and my routine today. Thank you, dear friends.







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