मेरी दैनिक दिनचर्या
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- मैं पुलिस विभाग में कार्य करता हूं मेरा जीवन बहुत कठिन है ।इसी के बारे में अपने ब्लॉग में लिखता हूं। यदि आपको मेरा ब्लॉग पसंद हो और आप मेरे बारे में अधिक जानना चाहते हो तो कृपया मेरे ब्लॉग को नियमित रूप से पढ़ा करिए।
- मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है, और इसके अनेक कारण है लेकिन सब कारणों को एक ब्लॉक में शामिल करना संभव नहीं है। इसलिए आज मैं आपको तीन कारण निवेदन करूंगा जो इस प्रकार है।
- 1. पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारियों की समय पर पदोन्नति नहीं होती। पुलिस विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया अपने निर्धारित समय से बहुत देरी से चलती है , इस वजह से किसी पुलिस अधिकारी को जो पदोन्नति 5 वर्ष पूर्व में मिलनी चाहिए वह 5 वर्ष बाद मिलती है। इस वजह से पुलिस अधिकारी मानसिक तनाव में रहते हैं और काम के प्रति उत्साह जोश लग्न से काम करने की प्रक्रिया बाधित होती है। आदरणीय दोस्तों समय पर पदोन्नति नहीं मिलने से पुलिस अधिकारियों में काम के प्रति उदासीनता होती है। उदाहरण के लिए जैसे किसी पुलिस अधिकारी को वर्ष 2013 में पदोन्नति मिलनी चाहिए थी, लेकिन वर्ष 2013 की पदोन्नति परीक्षा का आयोजन वर्ष 2019 में करवाते हैं, जिससे पुलिस अधिकारियों में निराशा का भाव रहता है।
- 2. पदोन्नति परीक्षा में उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों की मनमर्जी। पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति प्रक्रिया में उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी जटिलताएं उत्पन्न कर देते हैं जिससे पदोन्नति परीक्षाओं का मामला न्यायालय में चला जाता है और इस वजह से पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाती है और काबिल और योग्य व्यक्तियों को पदों की नहीं मिल पाती इससे पुलिस अधिकारी तनाव में रहते हैं इस प्रकार मेरी दैनिक दिनचर्याबहुत कठिन।
- 3. पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारियों को अनुसंधान कार्य और की ड्यूटी का साथ साथ होना। आदरणीय मित्रों पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारियों को अनुसंधान कार्य और फील्ड ड्यूटी एक साथ करनी होती है जिससे पुलिस अधिकारियों पर बहुत मानसिक दबाव होता है और क्षमता से अधिक कार्य करने पर उसे कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है और वह मानसिक तनाव से गुजरता है क्योंकि उसको आराम करने वह परिवार के साथ समय बिताने का समय नहीं मिल पाता इससे मानसिक तनाव में रहता है। आदरणीय मित्रों उदाहरण के लिए एक पुलिस अधिकारी पीसीआर में 12 घंटे की ड्यूटी करता है और उसके बाद अनुसंधान कार्य अलग से करता है तो इस प्रकार एक पुलिस अधिकारी ओसतन 18 घंटे की ड्यूटी करता है और आप सोच सकते हो 18 घंटे की ड्यूटी करने के बाद पुलिस अधिकारी कब सोएगा कब खाएगा और कब परिवार के लिए समय निकाल लेगा तो इस वजह से दोस्तों पुलिस अधिकारी का मानसिक तनाव में रहता है।
- मेरी दैनिक दिनचर्या की शुरुआत इस प्रकार होती है की मैं सुबह 4:00 a.m. पर जागकर सुबह की क्रियाओं से निवृत्त होकर 4 किलोमीटर की दौड़ पूरी करके आता हूं और 30 मिनट का विश्राम करता हूं और उसके बाद न्यूट्रीशन लेता हूं और तत्पश्चात प्राणायाम योगा व्यायाम आदि करता हूं इसके बाद 20 मिनट का विश्राम कर तैयार होकर नाश्ता करता हूं और खाना पैकिंग करवा कर ड्यूटी हैतू घर से पुलिस थाने के लिए रवाना हो जाता हूं।
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- 7:30 ए एम पर में पुलिस थाने पर पहुंचा और एचएन प्रशासन से ड्यूटी का पता किया तो एचएम प्रशासन ने बताया कि श्रीमान आज आपकी ड्यूटी पीसीआर वैन में है और आपके साथ दो कांस्टेबल और एक महिला कोस्टेबल है। इस पर में मेरी पुलिस टीम के साथ पीसीआर वैन में गया और पूर्व के पुलिस अधिकारी से चार्ज लिया। इस प्रकार मेरी ड्यूटी शुरू हुई। इसके बाद में पुलिस थाना इलाका के हॉटस्पॉट इलाकों में लोग डाउन के नियमों का पूर्णतया पालन हो रहा है या नहीं हो रहा है की व्यवस्था देखने चला गया और पेट्रोलिंग करता हुआ, नाकाबंदी स्थानों पर व्यवस्था देखी और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके बाद मैप संक्रामक बीमारी अस्पताल और जेके लोन अस्पताल एसएमएस अस्पताल अस्पतालों में जाकर व्यवस्था देखें तो कई विभागों में लोक डाउन के नियमों का पालन नहीं हो रहा था। काफी व्यक्ति जो अस्पताल में इलाज के लिए आई हुई थी। उचित सामाजिक दूरी नहीं बना रखी थी जिनको समझाइश कर उचित सामाजिक दूरी का पालन कर दवाई लेने के लिए कहां गया वह काफी लोग मुंह पर मास्क नहीं लगा रखे थे उनको मास्क उपलब्ध करवाए गए और भविष्य में बिना मासक के घर से नहीं निकलने की हिदायत की गई। इसके बाद मैं अस्पताल से रवाना होकर एमपी सर्किल की तरफ जा रहा था तभी वायरलेस पर पुलिस नियंत्रण कक्ष का कॉल आया की विवेकानंद कॉलोनी कॉलोनी में झगड़ा हो रहा है। पीसीआर की सूचना पर मैं तुरंत विवेकानंद कॉलोनी के लिए रवाना हो गया और विवेकानंद कॉल नहीं पहुंचा तो मकान नंबर j50 में झगड़ा हो रहा था। जहां काफी लोग इकट्ठे हो रहे थे को मैंने साइड में करवा कर जो लड़ रहे थे उनको अलग करवाया और उनसे मामले के बारे में जानकारी ली तो एक पक्ष कह रहा था कि श्रीमान मैं दूसरे पक्ष से ₹100000 मांगता हूं और यह मेरे पैसे नहीं देता है इस को 5 साल हो गई ईश्वर दूसरे पक्ष ने बताया कि श्रीमान मैंने इसके ₹70000 दे दिए और बाकी के पैसे मैं थोड़े समय में दे दूंगा इसके बाद मैंने दोनों पक्षों को समझाया और आपने अपने पक्षों के दस्तावेज लेकर पुलिस थाने पर आने को कहा। इस पर दोनों पक्ष अपने दस्तावेजों के साथ पुलिस थाने में आने को राजी हो गए और मौके पर शांति हो गई। मैंने मौके से ही थाना प्रभारी और पुलिस नियंत्रण कक्ष को की गई कार्रवाई से अवगत करवाया और वहां से पुलिस थाने के लिए रवाना हुआ इतने में ही थाना प्रभारी काको लाया की हॉस्पिटल से कॉल आया है कि एक व्यक्ति जहर खाकर भर्ती हुआ है तो आप उसके बयान लेकर आइए और मामले को दिखाइए। इस पर मैंने थाना प्रभारी के निर्देशानुसार अस्पताल के लिए रवाना हुआ और जहर खाए हुए व्यक्ति के वार्ड और बेड नंबर का पता लेकर उसके बाद में गया और डॉक्टर से उसकी फाइल प्राप्त कर उसकी फिटनेस के बारे में पूछा गया की क्या मरीज बयान देने योग्य है या नहीं इस पर डॉक्टर ने जहर खाए व्यक्ति को बयान देने योग्य बताया जिस पर मैंने जहर खाए हुए व्यक्ति मरीज के बयान लिए तो उसने बताया कि श्रीमान मैंने जहर मेरी मर्जी से खाया है मेरे ऊपर किसी का कोई दबाव नहीं था घर में आर्थिक तंगी है इस वजह से मैं मानसिक तनाव से गुजर रहा था और मैंने गेहूं में कीड़ों को मारने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाई को काफी मात्रा में पी लिया। इस वजह से मेरी स्थिति बिगड़ गई और मैं बेहोश हो गई था। इसके बाद मुझे पता नहीं कौन कब मुझे अस्पताल लेकर आया लेकिन आज सुबह जब मुझे होश आया तो मेरी पत्नी मेरे पास बैठी 3 और मेरे को बताया कि आपको बेहोश होने के बाद मैं और पड़ोसी गण आप को लेकर अस्पताल में आए और भर्ती कराए। इसके बाद उस आदमी की पत्नी आ आ गई, तो उससे भी पूछताछ की गई तो उसने बताया कि श्रीमान मेरे पति ने मानसिक तनाव की वजह से जहर खाया है इसमें किसी का किसी का कोई दोष नहीं है। इसके बाद जहर खाई हुई आदमी व उसकी पत्नी को कानूनी कार्रवाई के लिए कहा गया तो उन दोनों ने संयुक्त रूप से कहा कि श्रीमान हम तो बच गए जो बहुत अच्छा है। हम किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते हैं। इसके बाद मैने दोनो के बयान लिखित में लेकर व कार्रवाई ने करवाने संबंधी लिखित में लिखवा कर पत्रावली में शामिल कर मैंने थाना प्रभारी को इस बारे में अवगत करवाया और अस्पताल से पुलिस थाने के लिए रवाना हो गया और जैसे ही मैं पुलिस थाने पहुंचा। पुलिस नियंत्रण कक्ष से यह कॉल आया की आपके इलाके में बजरंग कॉलोनी में मकान नंबर h55 में एक व्यक्ति ने फांसी का फंदा लगाकर आतंक या करने आप मौके पर तुरंत पहुंचे पुलिस नियंत्रण कक्ष की सूचना पर मैं तुरंत मौके पर पहुंचा और देखा कि एक व्यक्ति पंखे से फंदा लगाकर लटका हुआ है जो मर चुका है जिसको उतारने के लिए उसे घर वालों से पूछताछ की गई और मौके की फोटोग्राफर की करवाई गई और उसके बाद उसके घरवालों द्वारा पहचान करने के बाद और कई कोई शक सूबा जाहिर नहीं करने के बाद सबको नीचे उतरवाया गया और परीक्षण के लिए अस्पताल भिजवाया गया और पोस्टमार्टम करवाने के बाद लाश का पंचायत नामा बनाया गया और लाश वारिसान को सुपुर्द की गई इसके बाद में पुलिस थाने के लिए रवाना हुआ और कार्रवाई से पुलिस नियंत्रण कक्ष और थाना प्रभारी को अवगत करवाया गया। और अब रात्रि के 10:00 बज चुके हैं। इस प्रकार मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है। मैं नहा धोकर स्वयं को सैनिटाइजर कर सिविल कपड़े पहने और 10:30 पर घर के लिए रवाना हुआ।
- मेरी दैनिक दिनचर्या का निष्कर्ष:- आदरणीय मेरी दैनिक दिनचर्या के बारे में आपको निवेदन कर चुका हूं इसे स्पष्ट तौर पर साबित होता है कि मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है। प्यारे दोस्तों मेरी दैनिक दिनचर्याजिसके कारण मानसिक तनाव रहता है उनका उच्चाधिकारियों द्वारा निस्तारण किया जाना चाहिए।
- मेरी दैनिक दिनचर्या के बारे में राय:- आदरणीय मित्रों मेरी दैनिक दिनचर्या के बारे में मेरी यह राय है कि पुलिस के उच्चाधिकारियों को पुलिस अधिकारियों की निम्नलिखित समस्याओं का समाधान तुरंत करना चाहिए।
- 1. पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति समय पर होनी चाहिए।
- 2. पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति में उच्च अधिकारियों को मनमर्जी ने करके पारदर्शी प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
- 3. पुलिस विभाग में अनुसंधान और फील्ड के कार्य को अलग अलग किया जाना चाहिए या फिल्ड की ड्यूटी को 8 घंटे की की जानी चाहिए ।
- मेरी दैनिक दिनचर्या का समापन यह आशा की किरण के साथ होता है कि भविष्य में पुलिस अधिकारियों को जिन समस्याओं का जिनका उल्लेख मैं कर चुका हूं । उन समस्याओं का निदान शीघ्र ही हो जाएगा।
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ENGLISH TRANSLATION
My daily routine
- My daily routine is very difficult, and there are many reasons for this but it is not possible to include all the reasons in one block. So today I will request you three reasons which are as follows.
- 1. There is no timely promotion of police officers in the police department. The promotion process in the police department is very late from its scheduled time, due to this, the promotion which a police officer should get in 5 years, he gets after 5 years. Due to this, police officers remain under mental stress and enthusiasm for work impedes the process of working with passion. Respected friends, due to not getting timely promotions, police officers are indifferent to work. For example, like a police officer should have got promotion in the year 2013, but the year 2013 promotion exam is organized in the year 2019, due to which there is a sense of disappointment among the police officers.
- 2. Willingness of high level police officers in promotion examination. In the promotion process of police officers, high level police officers create complications which cause the matter of promotion examinations to go to the court and due to this the promotion process is not complete and the qualified and qualified persons are not able to get the posts. Officers live under stress thus making my daily routine very difficult.
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- 3. Co-ordination of research work and duties of police officers in the police department. In Respected Friends Police Department, police officers have to do research work and field duty together which puts a lot of mental pressure on the police officers and if they are overworked, it affects their quality of work and goes through mental stress because He does not get time to spend time with his family, due to which he is under mental stress. Respected friends. For example, a police officer does 12 hours of duty in PCR and then does research work separately, so a police officer usually does 18 hours of duty and you can think after doing 18 hours of duty. When the police officer will sleep, when will he eat and when will he take time out for the family, friends are under mental stress due to this.
- My daily routine starts at 4:00 a.m. But after waking up from the morning activities, after completing the 4-kilometer run, I rest for 30 minutes and then take nutrition and then do Pranayama yoga exercises etc. After that, after 20 minutes of rest, I get ready and have breakfast and After packing the food, I leave the duty station and go to the police station.
- At 7:30 AM, I reached the police station and found out the duty from HN administration, HM administration said that Mr. Today your duty is in the PCR van and you are accompanied by two constables and a lady constable. At this I went with my police team to the PCR van and took charge from the former police officer. This is how my duty started. Subsequently, in the hotspot areas of the police station area, people went to see the system of whether the rules of Down were being followed completely or not, and while patrolling, saw the system at the blockade places and gave necessary guidelines. After this, visiting the Map Infectious Disease Hospital and JK Lone Hospital SMS Hospital Hospitals, see the rules of Lok Down in many departments. Many people who came to the hospital for treatment. The proper social distance was not maintained, the people who were advised to follow the proper social distance and where to take medicines, many people did not put masks on their mouths, they were provided masks and instructed not to leave the house without massacre in future. Has gone. After this, I was leaving from the hospital and going towards MP Circle, when the call of police control room on wireless came and there was a fight in Vivekananda Colony Colony. On the notice of PCR, I immediately left for Vivekananda Colony and if Vivekananda did not reach the call, there was a fight in house number j50. Where a lot of people were gathering, I got them on the side by separating those who were fighting and they got information about the matter, one side was saying that Mr. I ask for ₹ 100000 from the other side and it does not give me money It has been 5 years since God told the other party that Mr. I gave ₹ 70000 to it and I will give the rest of the money in a short time. After that I explained to both the sides and asked them to come to the police station after taking documents of their sides. . At this, both sides agreed to come to the police station with their documents and peace was achieved on the spot. I apprised the police in-charge and the police control room about the action taken from the spot and left for the police station from there, the police station in-charge brought Kako that a call has been received from the hospital that a person has been admitted after consuming poison. Bring a statement and show the case. On this, I left for the hospital as per the charge of the station in-charge and after finding out the ward and bed number of the poisoned person, went after it and after getting the file from the doctor asked about his fitness whether the patient is capable of giving a statement. On whether or not the doctor told the person who ate the poison, on which I took the statement of the person who consumed the poison, then he told that Mr. I have eaten the poison on my own will there was no pressure on me, there is financial crisis in the house. Because of this I was going through mental stress and I drank a lot of the medicine used to kill insects in wheat. Because of this my condition deteriorated and I fainted. After this, I do not know who brought me to the hospital, but this morning when I was conscious, my wife sat near me and told me that after you fainted me and my neighbor Gan came to the hospital with you and admitted you. After that the wife of that man arrived, then she was also questioned, then she told that Mr. My husband has eaten poison due to mental stress, there is no fault of anyone. After this, the poisoned man and his wife were asked to take legal action, both of them jointly said that Mr. Hum has survived, which is very good. We do not want any kind of legal action. After this, after taking the statement of both of them in writing and getting the action done, I got the station in-charge informed about it and left for the police station from the hospital and as soon as I reached the police station. It was a call from the police control room that a person hanged in house number h55 in Bajrang colony in your area or to panic or you reached the spot immediately on the information of the police control room, I immediately reached the spot and saw that a person fan Hanging the noose that is dead, he was interrogated by the family members to take it off and the photographer was taken on the spot and then after his family was identified and many people did not reveal any suspicion. Was taken down and sent to the hospital for testing and after the post-mortem was done, the corpse was made a panchayat and the corpse was handed over to Warisan and later proceeded to the police station and the action was conveyed to the police control room and station in-charge. And now it's past 10:00. Thus my daily routine is very difficult. I took a bath and sanitized myself, dressed in civilian clothes and left for home at 10:30.
- Conclusion of My daily routine: - Respected friends, I have requested you about my daily routine. It proves clearly that my daily routine is very difficult. Dear friends, My daily routinewhich causes mental stress should be settled by the higher authorities.
- Opinion about My daily routine: - Respected friends, it is my opinion about my daily routine that the high officials of the police should resolve the following problems of the police officers immediately.
- 1. Promotion of police officers should be on time.
- 2. In the promotion of police officers, higher officials should adopt a transparent process by doing the desired things.
- 3. The research and field work in the police department should be separated or field duty should be done for 8 hours.
- My daily routine concludes with a ray of hope that the problems I have mentioned to police officers in the future. Those problems will be diagnosed soon.
Dutch translation
Mijn dagelijkse routine
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- Ik werk op de politie, mijn leven is erg zwaar, schrijf hierover in mijn blog. Als je mijn blog leuk vindt en meer over mij wilt weten, lees dan regelmatig mijn blog.
- Mijn dagelijkse routine is erg moeilijk en er zijn veel redenen voor, maar het is niet mogelijk om alle redenen in één blok op te nemen. Daarom zal ik u vandaag drie redenen vragen, die als volgt zijn.
- 1. Er is geen tijdige promotie van politieagenten bij de politie. Het promotieproces bij de politie is erg laat vanaf de geplande tijd, vanwege de promotie die een politieagent binnen 5 jaar zou moeten krijgen, krijgt hij na 5 jaar. Hierdoor blijven politieagenten onder mentale stress staan en enthousiasme voor werk belemmert het werken met passie. Gerespecteerde vrienden, omdat ze niet op tijd promoties krijgen, zijn politieagenten onverschillig voor hun werk. Bijvoorbeeld, zoals een politieagent in 2013 promotie had moeten krijgen, maar in 2013 wordt het promotieonderzoek van 2013 georganiseerd, waardoor er een gevoel van teleurstelling is onder de politieagenten.
- 2.Bereidheid van hoge politiefunctionarissen bij promotieonderzoek. In het promotieproces van politieagenten zorgen politieagenten op hoog niveau voor complicaties die ertoe leiden dat promotieonderzoeken naar de rechter gaan en als gevolg hiervan is het promotieproces niet voltooid en kunnen de gekwalificeerde en gekwalificeerde personen de posten niet krijgen. Agenten leven onder stress, waardoor mijn dagelijkse routine erg moeilijk wordt.
- 3.Coördinatievan onderzoekswerkzaamheden en taken van politieagenten bij de politie. Bij de politie van Respectievrienden moeten de politieagenten samen onderzoekswerk en velddienst verrichten, wat een grote mentale druk op de politieagenten legt en als ze meer dan capaciteit werken, wordt de kwaliteit van het werk aangetast en ondergaan ze mentale stress omdat Hij krijgt geen tijd om tijd met zijn gezin door te brengen, waardoor hij onder mentale stress staat. Gerespecteerde vrienden: een politieagent heeft bijvoorbeeld 12 uur dienst in PCR en doet vervolgens afzonderlijk onderzoekswerk, dus een politieagent heeft meestal 18 uur dienst en je kunt nadenken na 18 uur dienst. Wanneer de politieman gaat slapen, wanneer hij gaat eten en wanneer hij tijd voor de familie neemt, hebben vrienden hierdoor mentale stress.
- Mijn dagelijkse routine begint om 4:00 uur. Maar nadat ik 's ochtends wakker ben geworden, na het voltooien van de race van 4 kilometer, neem ik 30 minuten rust en dan voeding en dan pranayama yoga-oefeningen enz. Daarna maak ik me, na 20 minuten rust, klaar om te ontbijten en te ontbijten en Nadat ik het eten heb ingepakt, verlaat ik het dienststation en ga naar het politiebureau.
- Om 7.30 uur bereikte ik het politiebureau en ontdekte de plicht van de HN-administratie, de HM-administratie zei dat meneer. Vandaag je plicht in de PCR-bus zit en je wordt vergezeld door twee agenten en een vrouwelijke agent. Hierbij ging ik met mijn politieteam naar de PCR-bus en nam de leiding over van de voormalige politieagent. Zo begon mijn plicht. Vervolgens gingen mensen in de hotspotgebieden van het politiebureaugebied kijken naar het systeem of de regels van Down al dan niet volledig werden gevolgd en patrouilleerden, zagen de regeling op de blokkadeplaatsen en gaven de nodige richtlijnen. Hierna een bezoek aan het Map Infectious Disease Hospital en het JK Lone Hospital SMS Hospital Hospital, als het systeem van Lok Down niet op veel afdelingen werd gevolgd. Veel mensen die voor behandeling naar het ziekenhuis kwamen. De juiste sociale afstand werd niet gehandhaafd, de mensen die het advies kregen om de juiste sociale afstand te volgen en waar medicijnen te nemen, veel mensen zetten geen maskers op hun mond, ze kregen maskers en kregen de instructie om het huis in de toekomst niet zonder bloedbad te verlaten. Is gegaan. Hierna vertrok ik uit het ziekenhuis en ging naar MP Circle, toen het telefoontje van de politiecontrolekamer op de radio kwam en er werd gevochten in Vivekananda Colony Colony. Op het moment van PCR vertrok ik onmiddellijk naar Vivekananda Colony en als Vivekananda de oproep niet bereikte, werd er gevochten in huisnummer j50. Waar veel mensen samenkwamen, kreeg ik ze aan de kant door degenen die aan het vechten waren te scheiden en kregen ze informatie over de zaak, de ene kant zei dat meneer ik van de andere kant om ₹ 100000 vraag en het geeft me geen geld Het is vijf jaar geleden dat God de andere partij vertelde dat meneer ik er € 70000 aan gaf en ik zal de rest van het geld in korte tijd geven. Daarna legde ik het aan beide partijen uit en vroeg hen om naar het politiebureau te komen nadat ze documenten van hun zijde hadden meegenomen. . Hierop kwamen beide partijen overeen om met hun documenten naar het politiebureau te komen en ter plaatse werd vrede bereikt. Ik bracht de politie en de controlekamer van de politie op de hoogte van de actie die ter plaatse was ondernomen en vertrok vandaar naar het politiebureau. Op dezelfde manier bracht het verantwoordelijke station Kako dat er een telefoontje uit het ziekenhuis kwam dat een persoon is opgenomen na het consumeren van gif, Neem een verklaring mee en toon de zaak. Hierop vertrok ik naar het ziekenhuis volgens de leiding van het dienstdoende station en na het achterhalen van het afdeling- en bednummer van de vergiftigde persoon, ging ik er achteraan en nadat ik het dossier van de arts had gekregen, vroeg hij naar zijn geschiktheid of de patiënt in staat is een verklaring af te leggen. Over het feit of de dokter de persoon die het gif at, al dan niet vertelde, waarop ik de verklaring van de persoon die het gif gebruikte nam, nam hij vervolgens op dat de heer ik het gif zelf heb gegeten, er was geen druk op mij, er is financiële crisis in huis. Hierdoor maakte ik mentale stress door en dronk ik veel van het medicijn dat werd gebruikt om insecten in tarwe te doden. Hierdoor verslechterde mijn toestand en viel ik flauw. Hierna weet ik niet wie me naar het ziekenhuis heeft gebracht, maar vanochtend, toen ik bij bewustzijn was, zat mijn vrouw naast me en vertelde me dat nadat je me flauwviel en mijn buurman Gan met je naar het ziekenhuis kwam en je opnam. Daarna kwam de vrouw van die man, toen werd ze ook ondervraagd, en toen vertelde ze dat meneer Mijn man vergif heeft gegeten vanwege mentale stress, niemand kan hier iets aan doen. Hierna werd de vergiftigde man en zijn vrouw gevraagd om juridische stappen te ondernemen, beiden zeiden gezamenlijk dat Mr. Hum het heeft overleefd, wat erg goed is. We willen geen enkele juridische actie. Hierna, nadat ik de verklaring van beiden schriftelijk had opgeschreven en de actie had uitgevoerd, kreeg ik het verantwoordelijke bureau hierover geïnformeerd en vertrok naar het politiebureau vanuit het ziekenhuis en zodra ik het politiebureau bereikte. Het was een telefoontje vanuit de politiecontrolekamer dat een persoon hing in huisnummer 55 in de Bajrang-kolonie bij jou in de buurt of om in paniek te raken of je bereikte de plek onmiddellijk op informatie van de politiecontrolekamer, ik bereikte de plek onmiddellijk en zag dat een persoon fan was Hij hing de strop op die dood was, werd door de familieleden ondervraagd om hem uit te doen en de fotograaf werd ter plekke meegenomen en nadat zijn familie was geïdentificeerd en veel mensen geen argwaan toonden. Werd neergehaald en voor onderzoek naar het ziekenhuis gestuurd en nadat het postmortem was gedaan, werd het lijk tot panchayat gemaakt en werd het lijk aan Warisan overgedragen en vervolgens naar het politiebureau gebracht en de actie werd overgebracht naar de politiecontrolekamer en het verantwoordelijke station. En nu is het na 10:00 uur. Mijn dagelijkse routine is dus erg moeilijk. Ik nam een bad en maakte mezelf schoon, gekleed in burgerkleding en vertrok om 10.30 uur naar huis.
- Conclusie van mijn dagelijkse routine: - Gerespecteerde vrienden die ik je heb gevraagd over mijn dagelijkse routine, het bewijst duidelijk dat mijn dagelijkse routine erg moeilijk is. Beste vrienden, mijn dagelijkse routine die mentale stress veroorzaakt, moet door de hogere autoriteiten worden geregeld.
- Advies over mijn routine: - Gerespecteerde vrienden, mijn mening over mijn dagelijkse routine is dat de hoge politiefunctionarissen de volgende problemen van de politieagenten onmiddellijk moeten oplossen.
- 1. De promotie van politieagenten moet op tijd plaatsvinden.
- 2. Bij de bevordering van politieagenten moeten hogere functionarissen een transparant proces volgen door de gewenste dingen te doen.
- 3. Het onderzoek en het veldwerk op de politie moeten worden gescheiden of de velddienst moet gedurende 8 uur worden gedaan.
- Mijn dagelijkse routine eindigt met een sprankje hoop dat de problemen die ik in de toekomst aan politieagenten heb genoemd. Die problemen zullen binnenkort worden vastgesteld.
portugues translation.
Minha rotina diária
- Eu trabalho no departamento de polícia, minha vida é muito difícil, escreva sobre isso no meu blog. Se você gosta do meu blog e quer saber mais sobre mim, leia meu blog regularmente.
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- Minha rotina diária é muito difícil, e há muitas razões para isso, mas não é possível incluir todas as razões em um único bloco. Hoje, solicitarei três razões, como segue.
- 1. Não há promoção oportuna de policiais no departamento de polícia. O processo de promoção no departamento de polícia está muito atrasado desde o horário agendado, devido a isso, a promoção que um policial deve receber em 5 anos, ele recebe após 5 anos. Devido a isso, os policiais permanecem sob estresse mental e o entusiasmo pelo trabalho impede o processo de trabalhar com paixão. Amigos respeitados, por não receberem promoções oportunas, os policiais são indiferentes ao trabalho. Por exemplo, como um policial deveria ter sido promovido no ano de 2013, mas o exame de promoção do ano de 2013 é organizado no ano de 2019, devido ao qual há um sentimento de decepção entre os policiais.
- 2. Disposição dos policiais de alto nível no exame de promoção. No processo de promoção de policiais, policiais de alto nível criam complicações que levam a questão dos exames de promoção a tribunal e, por causa disso, o processo de promoção não é concluído e as pessoas qualificadas não conseguem obter os postos. Os oficiais vivem estressados, dificultando muito minha rotina diária.
- 3. Coordenação do trabalho de pesquisa e deveres dos policiais no departamento de polícia. No Departamento de Polícia de Amigos Respeitados, os policiais têm que fazer um trabalho de pesquisa e trabalho de campo juntos, o que coloca muita pressão mental sobre os policiais e, se eles trabalham mais do que a capacidade, a qualidade do trabalho é afetada e eles sofrem estresse mental porque Ele não tem tempo para passar tempo com sua família, devido ao qual está sob estresse mental. Amigos respeitados.Por exemplo, um policial faz 12 horas de serviço no PCR e, em seguida, realiza trabalhos de pesquisa separadamente; portanto, um policial geralmente faz 18 horas de serviço e você pode pensar depois de 18 horas de serviço. Quando o policial dorme, quando come e quando tira um tempo para a família, os amigos estão sob estresse mental devido a isso.
- Minha rotina diária começa às 16h. Mas depois de acordar das atividades da manhã, depois de completar a corrida de 4 km, descansei por 30 minutos, depois tomo nutrição e depois faço exercícios de Pranayama Yoga etc. Depois disso, depois de 20 minutos de descanso, me preparo e tomo café da manhã e Depois de arrumar a comida, saio da delegacia e vou para a delegacia.
- Às 7:30 da manhã, cheguei à delegacia e descobri o dever da administração HN, a administração HM disse que Sr. Hoje, seu dever está na van da PCR e você está acompanhado por dois policiais e uma policial. Fui com minha equipe policial à van da PCR e assumi o comando do ex-policial. Foi assim que meu dever começou. Posteriormente, nas áreas de pontos quentes da área da delegacia, as pessoas foram ver o sistema se as regras de Down estavam sendo seguidas completamente ou não e, enquanto patrulhavam, viram o sistema nos locais de bloqueio e deram as orientações necessárias. Depois disso, visitando o Hospital de Doenças Infecciosas do Mapa e os Hospitais do Hospital JK Lone SMS, consulte as regras do Lok Down em muitos departamentos. Muitas pessoas que vieram ao hospital para tratamento. A distância social adequada não foi mantida, as pessoas que foram aconselhadas a seguir a distância social adequada e onde tomar remédios, muitas pessoas não colocaram máscaras na boca, receberam máscaras e foram instruídas a não sair de casa sem massacres no futuro. Foi. Depois disso, eu estava saindo do hospital e indo para o MP Circle, quando o telefonema da sala de controle da polícia chegou e houve uma briga na Colônia de Colônias de Vivekananda. No aviso de PCR, saí imediatamente para a Colônia Vivekananda e, se Vivekananda não atender, houve uma briga no número da casa j50. Onde muitas pessoas estavam se reunindo, eu as coloquei de lado, separando aqueles que estavam brigando e eles obtiveram informações sobre o assunto, um lado estava dizendo que o Sr. peço ₹ 100000 do outro lado e isso não me dá dinheiro Já se passaram 5 anos. Deus disse à outra parte que o Sr. dei ₹ 70000 e darei o restante do dinheiro em um curto espaço de tempo. Depois disso, expliquei aos dois lados e pedi que eles viessem à delegacia depois de tirar documentos de seus lados. . Com isso, os dois lados concordaram em ir à delegacia com seus documentos e a paz foi alcançada no local. Eu avisei a polícia encarregada e a sala de controle da polícia sobre as ações tomadas no local e saímos para a delegacia de lá; a delegacia responsável trouxe a Kako que uma ligação foi recebida do hospital que uma pessoa foi internada após consumir veneno. Traga uma declaração e mostre o caso. Nisso, parti para o hospital conforme a carga da estação responsável e depois de descobrir o número da enfermaria e do leito da pessoa envenenada, fui atrás dela e depois de obter o arquivo do médico perguntado sobre sua aptidão se o paciente é capaz de dar uma declaração. Se o médico disse ou não à pessoa que ingeriu o veneno, sobre o qual eu tomei a declaração da pessoa que consumiu o veneno, ele disse que o Sr.Eu comi o veneno por vontade própria, não houve pressão sobre mim, há crise financeira em casa. Por causa disso, eu estava passando por estresse mental e bebi muitos remédios usados para matar insetos no trigo. Por causa disso, minha condição se deteriorou e eu desmaiei. Depois disso, não sei quem me levou ao hospital, mas, nesta manhã, quando voltei a mim, minha esposa sentou-se perto de mim e me disse que depois que você desmaiou, meu vizinho Gan veio ao hospital com você e a internou. Depois que a esposa daquele homem chegou, ela também foi interrogada, depois contou que o Sr. Meu marido comeu veneno devido ao estresse mental, não há culpa de ninguém. Depois disso, o homem envenenado e sua esposa foram convidados a tomar medidas legais, ambos disseram em conjunto que o Sr. Hum sobreviveu, o que é muito bom. Não queremos nenhum tipo de ação legal. Depois disso, depois de tomar a declaração de ambos por escrito e concluir a ação, informei a delegacia sobre o assunto e fui para a delegacia do hospital e assim que cheguei à delegacia. Houve um telefonema da sala de controle da polícia de que uma pessoa enforcada no número da casa h55 na colônia de Bajrang em sua área ou para cometer terror se enforcando, eu imediatamente cheguei ao local com as informações da sala de controle da polícia e vi que uma pessoa era fã Pendurado o laço morto, ele foi interrogado pelos membros da família para tirá-lo e o fotógrafo foi levado no local. Depois que sua família foi identificada e muitas pessoas não revelaram suspeitas. Foi retirado e enviado ao hospital para testes e depois que o post-mortem foi feito, o cadáver foi transformado em um panchayat e o cadáver foi entregue a Warisan e depois foi encaminhado para a delegacia e a ação foi encaminhada para a sala de controle da polícia e para a delegacia. E agora são 10h. Assim, minha rotina diária é muito difícil. Tomei um banho e me higienizei, me vesti com roupas civis e saí para casa às 10:30.
- Conclusão da minha rotina diária: - Amigos respeitados Solicitei sobre a minha rotina diária, prova claramente que minha rotina diária é muito difícil. Queridos amigos, minha rotina diária que causa estresse mental deve ser resolvida pelas autoridades superiores.
- Opinião sobre minha rotina: - Amigos respeitados, é minha opinião sobre minha rotina diária que os altos oficiais da polícia resolvam os seguintes problemas dos policiais imediatamente.
- 1. A promoção de policiais deve ser pontual.
- 2. Na promoção de policiais, os oficiais superiores devem adotar um processo transparente, fazendo as coisas desejadas.
- 3. A pesquisa e o trabalho de campo no departamento de polícia devem ser separados ou o trabalho de campo deve ser realizado por 8 horas.
- Minha rotina diária termina com um raio de esperança que os problemas que mencionei aos policiais no futuro. Esses problemas serão diagnosticados em breve.
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