मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

http://mydailyroutine251.blogspot.com 16.02.2021

 

  

                           ब्लॉग परिचय

                       मेरी दैनिक दिनचर्या

नमस्कार आदरणीय दोस्तों

 आप सबका मेरे ब्लॉग में हार्दिक स्वागत है। जैसा कि आप सब जानते हैं कि मैं एक पुलिस अधिकारी हूं और मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है इसी के बारे में मैं अपने ब्लॉग में लिखता हूं। यदि आप मेरे बारे में और अधिक जानना चाहते हो और मेरे ब्लॉग को पसंद करते हो तो कृपया नियमित रूप से मेरे ब्लॉग को पढ़ा करिए।




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 आज के  ब्लॉग ने निम्नलिखित बिंदुओं के बारे में बात की जाएगी।
1. पुलिस अधिकारी  की दैनिक दिनचर्या कठिन होने के कारण
2. पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या का विवरण।

3. पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या का निष्कर्ष।

4. पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या को  कठिन से सरल एवं सुगम बनाने  के उपायों का विवरण।

5. मेरी दैनिक दिनचर्या के बारे में राय।

6.  सुरक्षा सलाह  का उल्लेख ।
 
आदरणीय दोस्तों सर्वप्रथम मैं एक पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या के कठिन होने के कारणों के बारे में चर्चा करूंगा। वैसे तो एक पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या यह कठिन होने के अनेक कारण हैं लेकिन  सब कारणों को एक साथ शामिल किया जाना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए आज मैं केवल तीन कारण निवेदन कर रहा हूं जो इस प्रकार है


1. पुलिस विभाग में पारदर्शिता का अभाव है:- पुलिस विभाग में एक पुलिस अधिकारी को अपनी दैनिक दिनचर्या में जिन मुश्किलों का सामना करना होता है उनमें से एक पुलिस विभाग में पारदर्शिता का अभाव भी है । पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारियों के कर्तव्य व दायित्व को निभाने के लिए जो कार्य पद्धति बनी हुई होती है उसको लागू करने में वह करवाने में लागू करने वाले अधिकारियों की पद्धति में पारदर्शिता का अभाव होता है जिसका खामियाजा पुलिस अधिकारियों को भुगतना होता है और इससे पुलिस अधिकारी जो पहले से मानसिक तनाव और और साधारण जीवन जीने में कठिनाइयों का सामना कर रहे होते हैं उनको और ज्यादा मुसीबतों का सामना करना होता है। इससे एक पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन हो जाती है।

2. पुलिस विभाग में ज्यादातर स्पष्टता का अभाव रहता है:- पुलिस विभाग किसी भी देश में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का सबसे प्रमुख अंग है और आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। लेकिन यह विडंबना की बात कहें या पुलिस विभाग का दुर्भाग्य कहें यह व्यवस्था की उदासीनता कहें यह बड़े दुख के साथ और अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि पुलिस जैसे महत्वपूर्ण विभाग में किसी भी आदेश निर्देश या कार्य के लिए स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं होती। आदरणीय दोस्तों उदाहरण के लिए हर किसी पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या में ऐसे पल कई बार आते हैं जब उस पुलिस अधिकारी को स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं की जाती है कि आपको यह करना है और यह नहीं करना यह निर्देश देते हैं कि आप अपने विवेक से कार्य कीजिए जबकि यह ठीक नहीं है, क्योंकि जब तक स्पष्ट आदेश या निर्देश नहीं मिलेंगे जब तक संबंधित पुलिस अधिकारी जो मौके पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी लिए हुए हैं  को संशय  रहता है कि क्या करूं या क्या नहीं करूं। क्योंकि पुलिस विभाग में एक प्रचलित प्रथा है की यदि किसी पुलिस अधिकारी अच्छा कार्य किया तो ठीक है और  अन्यथा उसके द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देशों के अभाव में अपने विवेक द्वारा कार्य करते हुए कोई गलती हो जाती है तो पुलिस विभाग उस ईमानदार और काबिल अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करता है। जिससे काबिल और योग्य पुलिस अधिकारी आगे से अपने कर्तव्य के प्रति थोड़ा उदासीन होता है और अन्य पुलिस अधिकारी भी इस प्रकार के कार्य से हतोत्साहित होते हैं। इस वजह से एक पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन होती है। क्योंकि दोस्तों बिना स्पष्ट दिशा निर्देशों के किसी भी कार्य को योजनाबद्ध व सही दिशा में ले जाना असंभव है।

3. पुलिस विभाग में करनी और कथनी में बड़ा अंतर है अर्थात सैद्धांतिक और व्यावहारिक कार्यप्रणाली में बहुत अंतर है। आदरणीय दोस्तों पुलिस विभाग में विभाग द्वारा जैसे निर्देश लिखित में जारी किए जाते हैं वैसे निर्देशों की पालना व्यवहारिक रूप में करने की स्वतंत्रता नहीं होती है । आदरणीय दोस्तों पुलिस विभाग में किसी पुलिस अधिकारी को यह कहा जाता है कि आप ईमानदारी और लगन मेहनत और बिना भेदभाव किए नियमानुसार अपनी ड्यूटी का पालन कीजिए। दोस्तों मैं आपको निवेदन करना चाहता हूं कि क्या पुलिस अधिकारी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी  करना चाहे तो भी उसे   करना बड़ा कठिन है। क्योंकि आदरणीय दोस्तों आप जानते हो उच्च पदों पर बैठे प्रशासनिक अधिकारी और मंत्री और समाज के नेता अपने पद का दुरुपयोग करके पुलिस अधिकारियों को भी ड्यूटी ईमानदारी से करने से बाधित करते हैं और आप लोगों से यह तथ्य कतई नहीं छुपा है कि पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारी कितने दबाव में कार्य करते हैं। पुलिस विभाग द्वारा पुलिस अधिकारियों को लिखित में निर्देश दिया जाता है कि आप ईमानदारी और पूर्ण पारदर्शिता से अपनी ड्यूटी करें, लेकिन क्या व्यावहारिक तौर से पुलिस विभाग पुलिस अधिकारियों को अपनी ड्यूटी स्वतंत्रता से करने की छूट देता है? उदाहरण के लिए  पुलिस अधीक्षक व 3 एसडीएम  राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं तो आदरणीय दोस्तों आप इससे अंदाजा लगा सकते हो की एक आईपीएस भारतीय पुलिस सेवा का अधिकारी पुलिस अधीक्षक जो रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है अगर वह ऐसे मामलों में लिप्त है तो क्या आप सोच पाओगे कि उससे निम्न स्तर के पुलिस अधिकारी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर पाएंगे? और आदरणीय दोस्तों जैसा की आपको विदित है इससे पहले भी राजस्थान भारत ही नहीं बल्कि विश्व में कई जगहों पर कई देशों में चाहे वह  विदेशों के राष्ट्राध्यक्ष हो भ्रष्टाचार के आरोपों में फसते रहे तो आप इससे आसानी से अंदाजा लगा सकते हो कि पुलिस विभाग में करनी और कथनी मैं कितना अंतर है और इस अंतर का प्रभाव एक पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या को कठिन से कठिन बना देता है। 




           मेरी दैनिक दिनचर्या की शुरुआत।

मैं सुबह 4:00 a.m. पर जाकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर 2 किलोमीटर की दौड़ पूरी की। और उसके बाद 05 मिनट का विश्राम करता हूं और तत्पश्चात योगा और व्यायाम करता हूं और उसके बाद शरीर के लिए आवश्यक कुछ पोषक न्यूट्रिशन लेता हूं, इसके बाद मैं  स्नानादि करके तैयार होकर नाश्ता करता हूं और खाना पैक  करवा कर उसके बाद मैं घर से 7  a.m. एम पर ड्यूटी के लिए रवाना हुआ और 8 एम पर ड्यूटी पर  पुलिस थाने पहुंचकर अपनी ड्यूटी का पता किया तो ड्यूटी ऑफिसर ने बताया कि श्रीमान आज आपकी ड्यूटी  वीवीआइपी महोदय  प्रस्तावित कार्यक्रम में ड्यूटी है । मैं पुलिस थाने से अपना स्टाफ लेकर आवश्यक उपकरण लेकर माननीय वीआईपी महोदय की यातायात व्यवस्था के लिए आवश्यक स्टाफ नियोजित किया और मंच स्थल पर पहुंचकर समस्त जाब्ते को ड्यूटी संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दिए और अपनी ड्यूटी पूरी तरीके से सतर्कता वह सावधानी और होशियारी से करने के निर्देश दिए और यदि ड्यूटी में किसी प्रकार की संसय की कोई बात हो तुम मुझे बताने के लिए पाबंद किया। इसके बाद वीआईपी महोदय के मंच स्थल से निवास स्थान तक के प्रस्तावित यात्रा मार्ग की बीडीएस टीम से मिलकर एंटी सबोटाज चेकिंग करवाई और पूरी व्यवस्थाएं दुरुस्त की और मार्ग में जहां भी छोटे-छोटे कट है वहां पर दो-दो कांस्टेबल तैनात किए गए। इसके बाद वीआईपी महोदय के मंच स्थल से लेकर प्रस्तावित मार्ग, रास्ता की पूरी व्यवस्था चेक कर वह पुलिस पुलिस जाब्ता नियोजित कर रिपोर्ट उच्च अधिकारी गणों को प्रेषित की और आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त किए और उच्चाधिकारियों से प्राप्त आवश्यक दिशा निर्देश को अधीनस्थ स्टाफ को प्रेषित किया और मैं भी मंच स्थल पर ड्यूटी में नहीं नियोजित हुआ और वीआईपी महोदय के पहुंचने से पहले सभा स्थल पर उच्च अधिकारी गण जनप्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के अधिकारीगण पहुंच चुके थे और जनता वीआईपी महोदय का बेसब्री से इंतजार कर रही थी और पत्रकार गण इस पल का दृश्य अपने कैमरे में कैद कर रहे थे और लाइव समाचार  दिखा रहे हैं और अब श्रीमान वीआईपी महोदय अपने निवास स्थान से सभा स्थल के लिए रवाना हुए और  सभा स्थल पर पहुंचे सभी उच्च अधिकारी गण जनप्रतिनिधि और जनता ने उनका सम्मान किया। मंच संचालक ने माला पहनाकर वीआईपी महोदय का हार्दिक स्वागत किया और अब वीआईपी महोदय का प्रोग्राम शुरू हो चुका है और यह प्रोग्राम करीब 2 घंटे चला इसके बाद वीआईपी महोदय प्रोग्राम होने के बाद सभा स्थल से निवास स्थान के लिए रवाना हो गए और निवास स्थान पर पहुंचने पर मैंने उच्च अधिकारी से संपर्क कर वीआईपी ड्यूटी व्यवस्था में लगे पुलिस जाते को मुक्त कर दिया और मैं भी पुलिस थाने के लिए रवाना हो गया और रोजनामचा में आमद करवाई। और इसके पश्चात करीब  15 मिनट बाद ड्यूटी अधिकारी ने मेरे को निवेदन किया कि सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एक व्यक्ति जहर खाकर भर्ती हुआ है। इस सूचना पर मैं सवाई मानसिंह हॉस्पिटल पहुंचा और रिसेप्शन से पता कर सिक्स फ्लोर पर जेड वार्ड मैं पहुंचा और  डॉक्टर से मिला जिसको जहर खाए हुए व्यक्ति के स्टेटमेंट लेने के लिए कहां तो डॉक्टर ने बताया कि यह व्यक्ति अभी अपना स्टेटमेंट देने के लिए फिट नहीं है। इसके बाद मैंने उक्त व्यक्ति के घरवालों से पता किया तो बताया गया की कोई संदिग्ध बात नहीं है। इसने मानसिक तनाव की वजह से जहर खाया है। इसके बाद मैंने डॉक्टर को जहर खाए व्यक्ति के स्टेटमेंट के लिए फिट होने पर पुलिस थाने को सूचित करने के लिए कह कर मैं हॉस्पिटल से पुलिस थाने के लिए रवाना हो गया। इसके  बाद रास्ते में कुछ व्यक्ति एक चौराहे पर एकत्रित हो रखे थे ,जिस पर मैंने जाकर देखा तो वहां पर सट्टा जुआ चल रहा था ,जिस पर मैंने मेरे साथ  के पुलिस जाब्ते की  मदद से उनको घेरा देकर पकड़ कर पूछा तो उन्होंने बताया कि  हम सट्टा खेल रहे थे। इन व्यक्तियों से जुआ खेलने के लिए वैध लाइसेंस के लिए पूछा तो नहीं होना बताया जिस पर उक्त पांचों आदमियों को 13 आरपीजीओ राजस्थान सार्वजनिक द्रुत अधिनियम में गिरफ्तार कर और जुआ राशि करीबी ₹100000 व जुआ  उपकरणों को जप्त कर  मौके पर जरिए फर्ज जब्ती वह फर्द  गिरफ्तारी तैयार कर कानूनी कार्रवाई कर घटनास्थल से पुलिस थाने के लिए रवाना हो गया पुलिस थाने पर पहुंचकर गिरफ्तार आरोपियों को ड्यूटी अधिकारी को सुपुर्द कर हवालात में बंद करवाया और  जुआ के सामान को एचएम माल खाना को सुपुर्द किया गया और संबंधित आरोपियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए श्रीमान स्टेशन हाउसिंग ऑफिसर को लिखित में प्रार्थना पत्र पेश किया गया। इसके बाद जेएलएन मार्ग पर गांधी सर्किल रोटरी सर्किल आदि स्थानों पर साईं कालीन गस्त के लिए रवाना हो गए रात्रि 9:00 बजे तक साईं कालीन गस्त की और गश्त के दौरान दो मोटरसाइकिल चोरों को गिरफ्तार किया गया जो आदतन मोटरसाइकिल चोरी करने के अपराधी है और पहले भी करीब 50 मोटरसाइकिल चोरी कर चुके हैं। जिनको पुलिस थाने पर लाकर अनुसंधान और पूछताछ की जा रही है और मोटरसाइकिल  एचएम माल खाना को सुपुर्द किया गया और स्टेशनों हाउसिंग ऑफिसर को उक्त चोरों के खिलाफ f.i.r. करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। और पुलिस आयुक्तालय के सभी पुलिस थानों को सूचना भिजवाई गई थी उक्त चोरों से जो मोटरसाइकिल चोरी करने के आदी हैं के बारे में अपने इलाका थाना से चोरी की मोटरसाइकिल के संबंध में पूछताछ करना चाहे तो कर सकते हैं। और इसके बारे में उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों को भी निवेदन किया  गया। इसी दौरान पुलिस थाने पर पुलिस नियंत्रण कक्ष   से सूचना मिली की एक बुजुर्ग औरत को कोई व्यक्ति मारपीट कर रहा है आप तुरंत मौके पर पहुंचे। इस पर मैंने अपने स्टाफ को लेकर तुरंत मौके पर पहुंचा और घटना की जानकारी ली तो बुजुर्ग औरत ने बताया कि मेरा बेटा मेरी देखभाल नहीं करता और शराब पीकर मेरे साथ मारपीट करता है, जिसको समझाइश कर अपनी मां की सेवा करने के लिए पाबंद किया और चेतावनी दी गई कि यदि वह भविष्य में अपनी मां के साथ मारपीट करेगा और उसकी देखभाल नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद हम घटनास्थल से रवाना होकर पुलिस थाने पर और थाना प्रभारी को  घटना के बारे निवेदन किया गया तो थाना प्रभारी ने पूरी पुलिस टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि आज की आपकी ड्यूटी समाप्त हुई। 


 मेरी दैनिक दिनचर्या का समापन:-आदरणीय दोस्तों इस प्रकार आपने देखा की एक पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या कितनी कठिन होती है और इसी के साथ आज की मेरी दैनिक दिनचर्या का समापन हुआ।

 मेरी दैनिक दिनचर्या का निष्कर्ष:-  मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन और व्यस्त होती है। आदरणीय दोस्तों जैसा कि मैंने आपको निवेदन किया कि एक पुलिस अधिकारी लगातार कैसे एक के बाद एक कार्य को पूर्ण करने में लगा होता है और स्वयं के लिए व परिवार के लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिलता है ।

 मेरी दैनिक दिनचर्या के बारे में  राय:-  लोग दोनों दिनचर्या के बारे में यह राय है कि पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या कठिन है और इसको सरल व सुगम बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस की ड्यूटी का समय अवधि तय की जाए। उदाहरण के लिए जैसे 8 घंटे या 10 घंटे या 6 घंटे और समय-समय पर पुलिस अधिकारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए मनोवैज्ञानिकों से काउंसलिंग करानी चाहिए।


 सुरक्षा सलाह:-   आदरणीय दोस्तों, कुछ साइबर अपराधी आपको आपके खाते में पैसे डालने या लॉटरी लगने के बहाने या खाता बंद होने का झांसा देकर आपसे आपकी पर्सनल डिटेल प्राप्त करने कोशिश करते हैं ऐसे साइबर अपराधियों से बचे और अपनी पर्सनल डिटेल शेयर ना करें।

 आदरणीय दोस्तों सबका ख्याल रखो पर अपना भी ख्याल रखो। हमेशा मुस्कुराते रहो कभी अपने लिए तो कभी अपनों के लिए।



                ENGLISH TRANSLATION 
                                                            



           Blog introduction
                                          


                       My daily routine

         HELLO FRIENDS 

 I welcome you all to my blog.  As you all know that I am a police officer and my daily routine is very difficult which I write about in my blog.  If you want to know more about me and like my blog, please read my blog regularly.




 Today's blog will talk about the following points.

 1. Due to difficult daily routine of police officer

 2. Description of daily routine of police officer.


 3. Conclusion of daily routine of police officer.


 4. Details of measures to make the daily routine of a police officer difficult and easy.


 5. Opinions about my daily routine.


 6. Mention of safety advice.



 Respected friends, first I will discuss the reasons for the daily routine of a police officer being difficult.  Although there are many reasons why it is difficult for the daily routine of a police officer, but it is not possible to include all the reasons together.  So today I will request all of you for only three reasons why my daily routine is difficult which is as follows: -


 1. Lack of transparency in the police department: - One of the difficulties that a police officer has to face in his daily routine in the police department is lack of transparency in the police department.  There is a lack of transparency in the method of the officers to implement the procedure which is maintained to fulfill the duties and responsibilities of the police officers in the police department, which the police officers have to suffer and this causes the police  Officers who are already facing mental stress and difficulties in living a normal life have to face more troubles.  This makes the daily routine of a police officer very difficult.


 2. Police department mostly lacks clarity: - Police department is the most important part of internal security system in any country and is mainly responsible for internal security system and law and order and maintaining peace.  But say this irony or say the misfortune of the police department, call it apathy of the system. It is with great sadness and regret that a clear guideline is not issued for any order instructions or work in important department like police.  Respected friends. For example, there are many such moments in the daily routine of every police officer when a clear guideline is not issued to that police officer that you have to do this and not to do it instructing that you act at your discretion.  Do this while it is not right, as long as there are no clear orders or instructions till the concerned police officers who are responsible for maintaining law and order on the spot, have doubts about what to do or what not to do.  Because it is a prevalent practice in the police department that if a police officer does a good job then it is okay and otherwise there is a mistake while acting at his discretion in the absence of clear guidelines, then the police department is against that honest and capable officer  Performs departmental proceedings.  Due to which the capable and qualified police officer is a little indifferent to his duty from the beginning and other police officers are also discouraged from this type of work.  Because of this, the daily routine of a police officer is very difficult.  Because without clear guidelines, friends, it is impossible to take any task in the planned and right direction.




 3, that is, there is a lot of difference between theoretical and practical methodology.  Respected friends, the Police Department does not have the freedom to carry out the instructions in practical manner as the instructions are issued in writing by the department.  Respected friends, a police officer in the police department is asked to perform his duty as per the rules with honesty and hard work and without discrimination.  Friends, I want to request you that even if the police officer wants to do his duty honestly, it is very difficult to do it.  Because respected friends, you know that administrative officers and ministers and social leaders sitting in high positions, by misusing their position, also obstruct police officers from doing duty honestly and there is no hiding the fact from you that the police in the police department  Under how much pressure do officers work.  The police department instructs the police officers in writing to do their duty with honesty and complete transparency, but in practice does the police department allow police officers to do their duty freely?  For example, Superintendent of Police and 3 SDM officers of Rajasthan Administrative Service have been arrested in the case of corruption, then respected friends, you can guess that an IPS Indian Police Service officer who is arrested on charges of bribery if  If he is involved in such cases, would you be able to think that a lower level police officer would be able to do his duty honestly?  And respected friends as you are aware, even before Rajasthan, not only in India, but in many places in the world, whether it is the head of the foreign countries, they are getting caught in corruption charges, then you can easily guess that in the police department  And what a difference in statement and the effect of this difference makes the daily routine of a police officer difficult.


      The beginning of my daily routine.


 I am 4:00 A.M.  But after completing his daily activities, he completed a 2-kilometer race.  And after that I take 05 minutes rest and then do yoga and exercise and then take some nutritional nutrition required by the body, after that I take bath, get ready and have breakfast and after packing the food, then I go home from 7  am  Departed for duty on M and arrived at the police station on duty at 8M and found out his duty, the duty officer said that Mr. VVIP sir, your duty today is duty in the proposed program.  I took the necessary equipment from the police station and took the necessary equipment and employed the necessary staff for the traffic arrangements of Honorable VIP sir, and after reaching the platform, gave necessary instructions to all the Jabte on duty and to do their duty vigilantly and with caution and caution.  Gave instructions and if there is any problem of any kind in duty, you are restricted to tell me.  After this, along with the BDS team of the proposed journey route from VIP's platform to the place of residence, anti-sabotage checking was done and all arrangements were made and two small constables were deployed wherever there were small cuts on the route.  After this, by checking the entire arrangement of the route, proposed route, way from the platform of VIP sir, he employed the Police Police and sent the report to the high officials and received the necessary guidelines and the necessary instructions received from the high officials were sent to the subordinate staff.  And I too was not employed in duty at the stage venue and before the VIP sir arrived, the high officials had reached the public representatives and officials of various departments and the public was eagerly waiting for the VIP sir and the journalists were waiting for this moment.  The scene was captured in his camera and showing live news and now Mr. VIP sir left from his place of residence for the venue and was greeted by all the high officials, Gana Janapratinidhi and the public who reached the venue.  The stage operator warmly welcomed VIP sir by garlanding him and now VIP sir's program has started and this program ran for about 2 hours. After this, VIP sir left for the residence from the venue after the program and went to the residence  On reaching, I approached the higher officer and freed the policemen engaged in VIP duty arrangements and I also left for the police station and got the rosnamcha.  And after about 15 minutes after this, the duty officer requested me that a person has been admitted to the Sawai Mansingh Hospital after consuming poison.  On this information, I reached Sawai Mansingh Hospital and after receiving the reception, I reached Jade Ward on Sixth Floor and met the doctor, where the doctor told me to take the statement of the poisoned person, that this person is not fit to give his statement yet.  is.  After this, I found out from the family members of the said person that it was said that there was nothing suspicious.  It has consumed poison due to mental stress.  After this I told the doctor to inform the police station on the fit of the statement of the poisoned person, and I left the hospital for the police station.  After this, some people had gathered at a crossroads on the way, on which I went and saw that there was a speculative gambling going on, on which I surrounded them with the help of the police Jabte and asked me that we  Were playing betting.  When asked for a valid license to gamble from these individuals, it was not to be told on which the above five men were arrested in the 13 RPGO Rajasthan Public Rapid Act and by seizing the gambling money close to ₹ 100000 and gambling devices, on the spot, the forfeiture was seized.  Arrested and proceeded to the police station from the scene after taking legal action, reached the police station, arrested the arrested accused, handed over to the duty officer and locked them in the lockup and handed over the gambling goods to HM Mal Khana and the first notice against the concerned accused  An application was submitted in writing to Mr. Station Housing Officer to file the report.  After this, Gandhi went on a patrol at places like Gandhi Circle, Rotary Circle, etc. on JLN Marg, patrolled the Sai carpet till 9:00 pm and during the patrolling, two motorcycle thieves were arrested who are habitually criminals of stealing motorcycles and  In the past, nearly 50 motorcycles have been stolen.  Those who are being brought to the police station for research and questioning and handed over the motorcycle HM Mal Khana and station housing officer against the thieves f.i.r.  Application was given to do.  And information was sent to all the police stations of the Police Commissionerate, if you want to inquire about the stolen motorcycles from your area police station about the thieves who are accustomed to stealing motorcycles.  And high level police officers were also requested about this.  Meanwhile, at the police station, information was received from the police control room that an elderly woman was assaulting someone, you immediately reached the spot.  On this, I immediately reached the spot with my staff and inquired about the incident, the elderly woman said that my son does not take care of me and drinks and beat me, which he is persuaded to serve his mother and  Warned that legal action would be taken against him if he would assault and not take care of his mother in future.  After this, we left the police station and requested the in-charge of the incident, the station in-charge thanked the entire police team and said that your duty has ended today.




 Concluding my daily routine: - Honorable friends, you saw how difficult the daily routine of a police officer is and with this my daily routine ended.


 Conclusion of my daily routine: - My daily routine is very hard and busy.  Respected friends, as I plead with you, how a police officer is constantly engaged in completing tasks one after the other and there is no time for himself and family at all.



 Opinion about my daily routine: - It is the opinion about both the routine that the daily routine of the police officer is difficult and necessary steps need to be taken to make it simple and easy.  The time period of police duty should be fixed.  For example, 8 hours or 10 hours or 6 hours and from time to time counseling police officers should be consulted to solve the problems of police officers.

Security Advice: Respected friends, some cyber criminals try to get your personal details from you by pretending to put money in your account or on the pretext of lottery or account closure, avoid such cyber criminals and do not share your personal details.



 Respected friends, take care of everyone but also take care of yourself.  Always keep smiling, sometimes for yourself, sometimes for loved ones.





      

गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

Come back with daily routine

  नमस्कार मित्रों

 

जैसा कि आप सब आदरणीय दोस्तों को पता है कि मैं एक पुलिस अधिकारी हूं और मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है। इसी के बारे में मैं अपने ब्लॉग में लिखता हूं  , यदि आप मेरे बारे में और अधिक जानना चाहते हो और मेरे  ब्लॉग को पसंद करते हो तो कृपया मेरे ब्लॉग को नियमित रूप से पढ़ा करिए।

 
मेरी दैनिक दिनचर्या की प्रकृति :    मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है । मेरी दैनिक दिनचर्या कठिन होने के कई कारण है लेकिन सब कारणों को एक साथ ब्लॉग में शामिल करना संभव नहीं है। इसलिए आज केवल तीन कारण निवेदन कर रहा हूं जो इस प्रकार है।
1. वेतन एक  व्यवसाय का व काम अनेक व्यवसाय का :-  आदरणीय दोस्तों पुलिस विभाग द्वारा अपने पुलिस अधिकारियों से अनेक प्रकार का काम करवाते हैं और वेतन एक प्रकार के कार्य कर देते हैं , उदाहरण के लिए जैसे पुलिस अधिकारी को अपराधियों को पकड़ना, कानून व्यवस्था बनाए, रखना तकनीकी कार्य जैसे कंप्यूटर पर कार्य करना, टेलीफोन पर कार्य करना, कैमरा पर कार्य करना, ड्रोन से कार्य करना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसे कार्य करना, जनता से फीडबैक प्राप्त कर उच्च अधिकारियों को प्रेषित करना आदि अनेक प्रकार के कार्य पुलिस से करवाए जाते हैं, लेकिन पुलिस को वेतन एक ही कार्य का दिया जाता है।  जैसे लिपिक केवल लिपिकीय कार्य करेगा और अध्यापक केवल शिक्षण कार्य करेगा और ग्राम सेवक कृषि कार्य संबंधी कार्य करेगा। लेकिन पुलिस अधिकारी से सभी प्रकार के कार्य करवाए जाते हैं और वेतन एक ही कार्य का दिया जाता है ,जिससे पुलिस की क्षमता का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हो पाता है और पुलिस अधिकारी किसी एक कार्य को पूर्णतया दक्षता से करने में अपना शत-प्रतिशत नहीं दे पाता है।

2. पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारियों के कार्यों की क्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाने पर जोर दिया जाता है परंतु पुलिस अधिकारियों की सुविधाओं और विकास के बारे में कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। आदरणीय दोस्तों आप सब जानते हो चाहे मशीनरी हीं क्यों ना हो जब तक अपने द्वारा मशीनरी की अच्छी साफ सफाई वह समय पर सर्विस नहीं की जाएगी तो वह मशीन अपनी कार्य क्षमताओं का विकास व गुणवत्ता का विकास नहीं कर पाएगी ,उसी प्रकार पुलिस अधिकारियों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं और विकास के लिए जरूरत  के संसाधन उपलब्ध कराए बिना पुलिस अधिकारियों से कार्य की गुणवत्ता और क्षमता का स्तर उच्चतर स्तर पर ले जाने के बारे में सोचना अनुपयुक्त होगा।

3. पुलिस विभाग में कार्य की प्रकृति के अनुसार पुलिस विभाग में विभाजन का अभाव :-  पुलिस विभाग में सभी कार्यों के लिए सभी प्रकार के पुलिस अधिकारी एक साथ सभी कामों को करते हैं जबकि ऐसा उचित नहीं है। यदि पुलिस विभाग यह कार्य क्षमता और गुणवत्ता  को बढ़ाना है तो पुलिस विभाग में कार्य की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग विंग बनानी चाहिए। उदाहरण के लिए पुलिस विभाग में तकनीकी कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों को अलग से तकनीकी शाखा की विंग बनाकर हमेशा उसी में कार्य करवाना चाहिए ,जिसे तकनीकी शाखा में कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी उस क्षेत्र विशेष में अति दक्ष हो जाएंगे और अपने कार्य को और अधिक कुशलता और उच्च गुणवत्ता के साथ कर पाएंगे। जो पुलिस अधिकारी लॉयन ऑर्डर की ड्यूटी करते हैं उन पुलिस अधिकारियों को हमेशा लॉयन ऑर्डर की ड्यूटी में ही पद स्थापित किया जाना चाहिए। जिससे वे पुलिस अधिकारी लॉयन ऑर्डर की ड्यूटी अर्थात कानून व्यवस्था ड्यूटी को बेहतरीन तरीके से करके बेहतरीन परिणाम दे पाएंगे। अनुसंधान कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों की एक अलग विंग बनाई जानी चाहिए जिससे कि अनुसंधान के कार्य को नए आयाम  और नई दिशा दी जा सके और अनुसंधान में कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी अनुसंधान के कार्य में दक्षता पूर्वक कार्य कर अनुसंधान की गुणवत्ता को बेहतरीन तरीके से निभा सके । इस प्रकार एक पुलिस अधिकारी की दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है।


Anti sabotage checking by police 


                           दैनिक दिनचर्या की शुरुआत

सुबह 4:00 a.m. पर जागकर सुबह की दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर 3 किलोमीटर की दौड़ पूरी करके आता हूं और उसके बाद 15 मिनट का विश्राम करता हूं तत्पश्चात व्यायाम योगा आदि करता हूं और 20 मिनट का विश्राम करने के बाद   न्यूट्रिशन लेता हूं। इसके बाद मैं नहा धोकर तैयार होकर नाश्ता करता हूं और खाना पैकिंग करवा कर घर से 6:00 a.m. पर ड्यूटी हैतू पुलिस नियंत्रण कक्ष  के लिए रवाना हुआ। मैं 7:00 a.m. पर  पुलिस  नियंत्रण कक्ष पर पहुंचा और एचएम  से ड्यूटी का पता किया तो बताया कि श्रीमान आपकी ड्यूटी बम डिस्पोजल टीम में है और आपको उच्च न्यायालय, सचिवालय ,बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और संवेदनशील इलाकों में एंटी सबोटाज चेकिंग करनी है। मैंने पूर्ण स्टाफ व उपकरण प्राप्त कर पुलिस  नियंत्रण कक्ष से रवाना होकर उच्च न्यायालय पहुंचा व अपने स्टाफ के साथ एचएचएमडी एंटी सबोटाज चेकिंग उपकरण से उच्च न्यायालय परिसर वह मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय के चेंबर कार्यालय व आसपास के परिसर को एंटी सबोटाज चेकिंग किया गया वह किसी प्रकार का कोई आयुध या खतरनाक उपकरण ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया। इसके बाद हम वहां से रवाना होकर सचिवालय पहुंचे । सचिवालय पहुंचकर सचिवालय के आसपास एंटी सबोटाज चेकिंग की फिर सचिवालय के  अंदर परिसर में एंटी सबोटाज चेकिंग की उसके बाद महत्वपूर्ण मंत्रियों के कार्यालय व संवेदनशील स्थानों  पर चेकिंग की सब सही  पाया गया। कोई किसी प्रकार की खतरे वाली बात नहीं थी । इसके बाद मैं और मेरी पुलिस टीम वहां से रवाना होकर रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंचे व बस स्टैंड पर भीड़भाड़ वाले इलाकों में एंटी सबोटाज चेकिंग की  यहां पर भी कोई समस्या नहीं पाई गई   नहीं कोई संदिग्ध  वस्तु पाई गई। इसके बाद बस स्टैंड पर आम जनता से रूबरू हुए और जनता से अपील की गई कि आपको कोई लावारिस वस्तु या संदिग्ध वस्तु मिलती है या दिखाई देती है या कोई ऐसी सूचना है तो आप तुरंत बम डिस्पोजल टीम को सूचना देने की कृपा करें और किसी भी लावारिस व संदिग्ध वस्तु को  नहीं छुए। और जनता को संदिग्ध और लावारिस वस्तुएं जो  विस्फोट हो सकती है के बारे में जानकारी दी गई। यहां से रवाना होकर हम चांदपोल छोटी चौपड़ बड़ी चौपड़ चौड़ा रास्ता होते हुए एंटी सबोटाज चेकिंग करते हुए अजमेरी गेट पहुंचे और वहां पर महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और महत्वपूर्ण विभागों व भीड़भाड़ वाले इलाकों में एंटी सबोटाज चेकिंग की वह लोगों को जागरूकता के बारे में समझाया और इस प्रकार इलाके में एंटी सबोटाज चेकिंग करते हुए  वापिस पुलिस नियंत्रण कक्ष के लिए रवाना हुए और पुलिस नियंत्रण कक्ष पहुंचकर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया वह रिपोर्ट पेश की गई। 






इसके बाद पुलिस  नियंत्रण कक्ष को एक व्यक्ति द्वारा आत्महत्या करने की सूचना मिली। जिस पर संबंधित थाना अधिकारी द्वारा पुलिस नियंत्रण कक्ष से स्कैनिंग टीम की मांग करने पर मेरे नेतृत्व में मैंने एक पुलिस पुलिस टीम घटनास्थल की स्कैनिंगकरने के लिए स्कैनिंग  उपकरणों सहित लेकर घटनास्थल सांगानेर के लिए रवाना हुआ और वहां पहुंचकर थानाधिकारी सांगानेर से संपर्क कर आत्महत्या किए गए व्यक्ति व घटनास्थल की अलग-अलग एंगल से  स्कैनिंग की गई वा scanning को वापिस  चेक किया गया कि कोई त्रुटि तो नहीं  आई है परंतु स्कैनिंग पूरी तरह सही हुई थी इसके बाद मैं मेरे पुलिस टीम  को लेकर वहां से रवाना हुआ और पुलिस  नियंत्रण कक्ष पहुंचा और उच्चाधिकारियों को स्कैनिंग की गई रिपोर्ट सौंपी तो उच्च अधिकारियों ने उक्त रिपोर्ट  का अवलोकन किया तो रिपोर्ट  सही  पाई गई। उच्चाधिकारियोंं द्वारा मेरी पूरी टीम को इसके लिए धन्यवाद दिया  और  भविष्य में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।

 इसके बाद मेरे और मेरी टीम ने पुलिस फीडबैक कार्यप्रणाली के बारे में जनता की राय लेकर कितने संतुष्ट हुए और कितने असंतुष्ट हुए और पुलिस की कार्यप्रणाली कितने प्रतिशत संतोषजनक गई इस प्रकार आज की फीडबैक रिपोर्ट बनाकर पुलिस के उच्चाधिकारियों को प्रेषित की गई उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट का अवलोकन किया और फीडबैक के आधार पर पुलिस की कार्यप्रणाली की सराहना की और संसाधनों के कमी के बावजूद भी पुलिस के कार्य प्रणाली की गुणवत्ता में निरंतर प्रगति होने पर संतोष जाहिर किया और पूरी पुलिस टीम को धन्यवाद दिया।






 इसके बाद पुलिस टीम ने मेरे नेतृत्व में वायरलेस ड्यूटी की और वायरलेस पर श्रीमान पुलिस आयुक्त महोदय के निर्देशानुसार सभी पुलिस उपायुक्त महोदय, अतिरिक्त उपायुक्त  महोदय, सहायक पुलिस उपायुक्त महोदय की वर्तमान लोकेशन ली गई  व सभी अधिकारियों से से अपने अपने कार्य के पूर्ण होने की रिपोर्ट प्राप्त की गई और सभी अधिकारियोंं की रिपोर्ट एकत्रित कर श्रीमान पुलिस आयुक्त महोदय को निवेदन की गई। श्रीमान पुलिस आयुक्त महोदय ने  सभी अधिकारियों से सही तरीके सेे रिपोर्ट पेश करने पर पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया और भविष्य में और अधिक लग्न और मेरे से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। आदरणीय दोस्तों इस प्रकार आपने देखा कि पुलिस अधिकारियों को कितने प्रकार और और कितनी कठिनता से कार्य करना होता है। इस प्रकार पुलिस की देरी दिनचर्या बहुत कठिन है।






 मेरी दैनिक दिनचर्या का निष्कर्ष: -  मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है व बहुत व्यस्त रहती है। और साथ में काम का अत्यधिक दबाव होता है जिस वजह से पुलिस अधिकारी मानसिक तनाव से गुजरते रहते हैं और परिवार व ड्यूटी मैं समन्वय  स्थापित नहीं कर पाते हैं और परिणाम स्वरूप साधारण जीवन  में मुश्किलों का सामना करते हैं। इस प्रकार मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है।

मेरी दैनिक दिनचर्या के बारे में  राय:- मेरी कठिन देने दिनचर्या के बारे में मेरी यह राय है कि पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी का समय और प्रकृति निश्चित की जाए जिससे कि पुलिस अधिकारी अपनी क्षमताओं का 100% दे सके व किसी एक कार्य में पूर्ण दक्षता प्राप्त कर सकें। इससे पुलिस अधिकारी बिना मानसिक तनाव के बेहतर ड्यूटी कर सके और इसका प्रभाव आम जनता में अच्छे व्यवहार व अच्छे समय के साथ ड्यूटी करने के रूप में देखा जा सके।

 मेरी दैनिक दिनचर्या का समापन:-  मेरी कठिन   दैनिक दिनचर्या का समापन इस आशा के साथ होता है कि भविष्य में पुलिस विभाग में एक पुलिस अधिकारी से अनेक कार्य के स्थान पर केवल एक  कार्य ही करवाया जाएगा, जिससे पुलिस अधिकारी की क्षमता और दक्षता मैं बेहतरीन गुणवत्ता देखी जाएगी। इसके अलावा पुलिस विभााग में अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग   विग  की स्थापना की जाएगी  और  अनुसंधान का कार्य और कानून व्यवस्था का कार्य अलग-अलग विग के अधीन होगा। जिससे पुलिस विभागअपने कार्य के प्रति  सही तरीके से अपने कार्य को लागू  कर सके। इस प्रकार  मेरी कठिन दैनिक दिनचर्या  का  समापन हुआ।

 सुरक्षा सलाह :-  आदरणीय दोस्तों वर्तमान में ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं बहुत ज्यादा हो रही है और आए दिन हर किसी व्यक्ति को साइबर अपराधियों द्वारा अपना टारगेट बनाया जा रहा है। इसलिए आप सभी आदरणीय दोस्तों से मेरा आग्रह है कि आप अपने मोबाइल नंबर आधार नंबर पैन कार्ड नंबर आदि किसी भी व्यक्ति के साथ शेयर ना करें चाहे वह बैंक  कर्मचारी  हो या या और कोई आदमी।

आदरणीय दोस्तों, सब का ख्याल रखना पर अपना भी ख्याल रखना हमेशा मुस्कुराते रहना कभी अपने लिए तो कभी अपनों के लिए ।







Greetings friends
                                        My daily routine 

 As all your respected friends know, I am a police officer and my daily routine is very tough.  This is what I write about in my blog, if you want to know more about me and like my blog, please read my blog regularly.





 Nature of my daily routine: - My daily routine is very hard.  There are many reasons why my daily routine is difficult but it is not possible to include all the reasons in the blog simultaneously.  So today I am requesting only three reasons which are as follows.

 1. Salary of one business and work of many business: - Respected friends get their police officers to do many kinds of work by the police department and make the salary a type of work, for example like police officer to catch criminals, law  Maintaining system, technical work like working on computer, working on telephone, working on camera, working with drone, doing work like video conferencing, getting feedback from public and sending it to higher officials etc.  Go, but the police is given a salary for a single task.  Like, the clerk will only do clerical work and the teacher will do only teaching work and the village servant will do agricultural work.  But all types of work are done by a police officer and salary is given for a single job, due to which the capacity of the police is not fully utilized and the police officer can do his work in full efficiency in any one hundred percent.  Could not give


 2. Emphasis is on increasing the capacity and quality of the functions of police officers in the police department but no attention is paid to the facilities and development of police officers.  Respected friends, you all know that no matter what the machinery is, unless the cleaning of the machinery by itself is not served on time, then that machine will not be able to develop its working capabilities and quality;  It would be inappropriate to think of taking the quality of work and the level of competence from police officers to a higher level without providing the resources needed for quality facilities and development.






 3. Lack of division in the police department according to the nature of work in the police department: - For all the work in the police department, all types of police officers do all the work together, when it is not proper.  If the police department is to increase its efficiency and quality, then separate wings should be formed according to the nature of work in the police department.  For example, police officers doing technical work in the police department should always work in the same by creating a wing of the technical branch separately, which police officers working in the technical branch will be highly skilled in that particular area and make their work more  With efficiency and high quality.  Those police officers who do duty of lion order should always be posted in lion order duty only.  With which they will be able to give the best results by doing the duty of police officer lion order i.e. law and order duty.  A separate wing of police officers doing research work should be created so that new dimensions and new direction can be given to research work and police officers working in research should work efficiently in the work of research in the best way to improve the quality of research  Could play  Thus the daily routine of a police officer is very difficult.



 Start of daily routine


 4:00 a.m.  But after waking up from the morning's daily activities, I come to complete the 3-kilometer run and after that I take 15 minutes rest, then do exercise yoga etc. and after 20 minutes rest I take nutrition.  After this I take a bath, get ready and have breakfast and get the food packed and get home from 6:00 A.M.  On duty Hatoo left for the police control room.  I 7:00 a.m.  But the police reached the control room and found the duty from HM and told that Mr. Duty your duty is in the bomb disposal team and you have to do anti sabotage checking in high court, secretariat, bus stand, railway station and sensitive areas.  I got full staff and equipment and proceeded from Police Control Room to High Court and along with my staff with HHMD Anti Subotage Checking Equipment, High Court Complex. He was done Anti Subotage Checking in the Chamber Office and adjoining premises of Chief Justice High Court.  No armaments of any kind or dangerous equipment were found.  After this we left from there and reached the secretariat.  After reaching the secretariat, anti-sabotage checking was done around the secretariat, then anti-sabotage checking in the premises inside the secretariat, after that checking of important ministers' offices and sensitive places was found to be correct.  There was no danger of any kind.  After this I and my police team left from there and reached the roadways bus stand and no problem was found in anti-sabotage checking in crowded areas at the bus stand.  After this, the general public came to the bus stand and appealed to the public that if you find or see any unclaimed item or suspicious item or there is any such information, then please be pleased to inform the bomb disposal team immediately and any  Unclaimed and did not touch the suspicious item.  And the public was made aware of suspicious and unclaimed items that could explode.  Departing from here, we reached the Ajmeri Gate by doing anti-sabotage checking through Chandpol Chhoti Chaupar, Badi Chaupar-wide road and he explained to the people about the awareness of anti-sabotage checking in important establishments and important departments and crowded areas.  The police returned to the police control room under anti-sabotage checking in the area and after reaching the police control room, the report of the action taken to the high officials was presented.  The police control room was then reported to have committed suicide by a person.  Upon which, under the leadership of me, a police police team, along with scanning equipment to scan the scene, left for Sanganer on the spot and contacted the police officer Sanganer, committing suicide, on requesting the scanning team from the police control room.  The person and the scene were scanned from different angles and the scanning was checked back to see if there was any error but the scanning was completely correct after which I left with my police team and reached the police control room.  And when the scanning report was submitted to the higher authorities, then the higher authorities observed the report, then the report was found correct.  My entire team was thanked by the higher authorities for this and was motivated to do better in future.


 After this, my and my team took public opinion about the police feedback methodology, how satisfied and how dissatisfied and how much percent the functioning of the police was satisfactory, thus making today's feedback report, the high officials sent to the police officers of the report  Observed and praised the functioning of the police on the basis of feedback and expressed satisfaction on the continuous progress in the quality of police functioning despite the lack of resources and thanked the entire police team.


 After this the police team did wireless duty under my leadership and as per the instructions of Mr. Police Commissioner on wireless, the current location of all the Deputy Commissioner of Police, Additional Deputy Commissioner, Assistant Deputy Commissioner of Police was taken and from all the officers to complete their work  The report was received and the report of all the officers was collected and requested to Mr. Commissioner of Police.  Mr. Police Commissioner thanked the Police team for presenting the report properly to all the officers and motivated them to work more in the future and from me.  Respected friends, thus you saw how much and how hard police officers have to work.  Thus the delaying routine of the police is very difficult.




 Conclusion of my daily routine: - My daily routine is very difficult and very busy.  And there is a lot of work pressure due to which police officers go through mental stress and are unable to coordinate family and duty and as a result face difficulties in normal life.  Thus my daily routine is very difficult.


 Opinion about my daily routine: - It is my opinion about my tough giving routine that the time and nature of duty should be fixed to the police officers so that the police officer can give 100% of his abilities and full efficiency in any one task.  To get it.  This enabled police officers to do better duty without mental stress and its effect could be seen in the general public as doing good behavior and doing duty with good time.


 Completion of my daily routine: - My hard daily routine concludes with the hope that in the future a police officer in the police department will be made to do only one task in place of many tasks, so that the ability and efficiency of the police officer is excellent  Quality will be seen.  Apart from this, separate wigs will be set up in Police Vibhag for different tasks and research work and law and order work will be subject to different wigs.  So that the police department can implement its work properly towards its work.  Thus ended my difficult daily routine.


 Security Advice: Respected friends, currently online fraud incidents are happening very much and every day every person is being targeted by cyber criminals.  Therefore, I urge all your esteemed friends not to share your mobile number, Aadhaar number, PAN card number etc. with anyone, be it a bank employee or any other person.


 Respected friends, 
                                    take care of everyone but take care of yourself, always keep smiling, sometimes for yourself or sometimes for loved ones.

सोमवार, 6 जुलाई 2020

https://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/07/6-1.html

    मेरी दैनिक दिनचर्या
                                                                          
  Hindi/English

                                                                                                                                                                


  • मैं पुलिस विभाग में कार्य करता हूं और मेरा जीवन बहुत कठिन है। इसी के बारे में मैं अपने ब्लॉग में लिखता हूं। यदि आप मेरे ब्लॉग को पसंद करते हो और मेरे बारे में अधिक जानना चाहते हो तो कृपया मेरे ब्लॉग को नियमित रूप से पढ़ा करिए।

  •  मेरी दैनिक दिनचर्या की प्रकृति:- मेरी  दैनिक दिनचर्या  बहुत कठिन है।  मेरी  दैनिक दिनचर्या  कठिन होने के कई कारण है।  लेकिन सब को एक साथ एक ब्लॉग में शामिल करना संभव  नहीं है। इसलिए मैं आप आदरणीय दोस्तों को आज केवल तीन कारण निवेदन कर रहा हूं जो इस प्रकार है:-
    https://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/07/6-1.html
    police have taken action in m.v.  act. against  car
                                             https://mydailyroutine251.blogspot.com
https://clicksgenie.com/register.aspx?u=250713

  • 1. पुलिस विभाग में यदि कोई पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी पूरी इमानदारी से निभाएं तो भी परेशानी है और ड्यूटी नहीं करे तो भी परेशानी है। पुलिस विभाग में यदि कोई पुलिस अधिकारी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करता है और ड्यूटी करते हुए और कानून का पालन करते हुए किसी पुलिस अधिकारी से कोई गलती हो जाती है तो उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी उस पुलिस अधिकारी को विभागीय कार्यवाही के नियमानुसार जांच कर सजा देते हैं और यदि कोई पुलिस अधिकारी  ड्यूटी इमानदारी से नहीं करता है तो भी उचित स्तर के पुलिस अधिकारी संबंधित पुलिस अधिकारी को अपने कर्तव्य का उचित रूप से पालन नहीं करने पर सजा देते हैं। इस प्रकार दोस्तों आप समझ सकते हो कि एक पुलिस अधिकारी की कितनी मजबूरियां होती है कि वह काम करें या नहीं करें वह हमेशा भ्रमित रहता है क्योंकि यह स्वभाविक बात है कि यदि आप कोई कार्य करेंगे तो गलती होना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि जो व्यक्ति कार्य करता है ,उसी से गलती होती है। यदि कोई व्यक्ति कोई कार्य नहीं करेगा तो उससे गलती कैसे होगी। आदरणीय दोस्तों वैज्ञानिक, डॉक्टर आईएएस प्रशासनिक अधिकारी  अंतरिक्ष वैज्ञानिक आदि व्यक्तियों से भी गलतियां होती है और गलतियों से व्यक्ति सीखता है और अपनी गलतियों को सुधार कर भविष्य में अपने कार्य में और दक्षता लाकर और बेहतरीन तरीके से कार्य करता है। लेकिन बड़े दुख की बात है कि पुलिस विभाग में यदि कोई पुलिस अधिकारी कानून का पालन करते हुए भी कोई गलती जाने अनजाने में हो जाती है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाती है और यदि उसे खिलाफ गलती साबित ना हो तो भी उसे जबरदस्ती जांच अधिकारी के पास साबित करवाने कोशिश की जाती है जो कि बहुत दुख और दुर्भाग्य की बात है इसलिए योग्य पुलिस अधिकारी मानसिक तनाव में रहते हैं और अपनी ड्यूटी पूर्ण दक्षता के साथ नहीं कर पाते।
  • 2. पुलिस विभाग में किसी पुलिस अधिकारी खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है तो उसमें अनावश्यक देरी की जाती है। उदाहरण के लिए आपको यह सुनकर आश्चर्य और हैरानी होगी की यदि पुलिस विभाग में किसी  आम जनता द्वारा किसी अपराधी के खिलाफ दी गई शिकायत पर दर्ज f.i.r. कर न्यायालय में 3 माह में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है अर्थात अनुसंधान पूर्ण कर पत्रावली न्यायालय में पेश करनी होती है। लेकिन आदरणीय दोस्तों बड़े अफसोस और दुर्भाग्य की बात है  की पुलिस विभाग में किसी पुलिस अधिकारी खिलाफ  विभागीय कार्यवाही अमल में लाकर अनुसंधान अधिकारी द्वारा जांच की जाती है तो उसमें अनावश्यक देरी की जाती है और जब तक संबंधित पुलिस अधिकारी को निलंबित रखा जाता है। जिससे संबंधित पुलिस अधिकारी मानसिक तनाव से गुजरता है। इस प्रकार पुलिस अधिकारी का जीवन बहुत कठिन है। पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच करने में उसका  स्वयं  का  विभाग न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करता है।  आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की पुलिस विभाग में आम जनता के मामलों में पुलिस अधिकारी  1 महीने में अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत कर देते हैं। लेकिन किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही  में 3 माह में भी अनुसंधान अधिकारी द्वारा  अनुसंधान पूर्ण नहीं किया जाता है।
  • 3. पुलिस विभाग में किसी पुलिस अधिकारी के  खिलाफ झूठी शिकायत को साबित करने के लिए दबाव बनाया जाता है और दूसरे झूठी घटनाओं को जोड़कर उस शिकायत को सही साबित करने का प्रयास किया जाता है। यदि पुलिस अधिकारी के खिलाफ  विभागीय जांच की जाती है तो संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ  झूठी शिकायत को साबित करने के लिए दबाव बनाया जाता है। और यदि फिर भी संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ सबूत नहीं मिलते हैं तो झूठी शिकायत को साबित करने के लिए अन्य की घटनाओं को उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ जोड़ दिया जाता है। आदरणीय दोस्तों इस प्रकार योग्य और ईमानदार पुलिस अधिकारी अंदर से टूट जाता है क्योंकि जिस पुलिस विभाग के लिए वह 15 साल से 20 साल से 25 साल से अपनी सेवाएं दे रहा है वही विभाग उसके खिलाफ झूठी शिकायत साबित करने के लिए प्रयासरत रहता है। इस प्रकार पुलिस अधिकारी  मानसिक तनाव में रहते हैं और इसका प्रभाव पुलिस अधिकारी के परिवार और उनकी निजी जिंदगी में भी होता है इस प्रकार आदरणीय दोस्तों  मेरी  दैनिक दिनचर्या  बहुत कठिन है।


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injured person sent in ambulance by police

  •  मैं सुबह 4:00 a.m. पर जागकर सुबह की दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर 3 किलोमीटर की दौड़ पूरी करके आता हूं और उसके बाद 15 मिनट का विश्राम करता हूं तत्पश्चात व्यायाम योगा आदि करता हूं और 20 मिनट का विश्राम करने के बाद   न्यूट्रिशन लेता हूं। इसके बाद मैं नहा धोकर तैयार होकर नाश्ता करता हूं और खाना पैकिंग करवा कर घर से 6:00 a.m. पर ड्यूटी हैतू पुलिस थाने के लिए रवाना हुआ। मैं 7:00 a.m. पर पुलिस थाने पर पहुंचा और एचएम प्रशासन से मेरी ड्यूटी का पता किया तो एचएम प्रशासन ने बताया कि श्रीमान आपकी ड्यूटी आज एक्ट कि अधिक से अधिक कार्यवाही करने की है और आपके साथ 8 कास्टेबल और 2 महिला कॉन्स्टेबल है। मैंने अनुसंधान बॉक्स और हथियार और पूर्ण पुलिस टीम और पुलिस वाहन प्राप्त कर दिए गए कार्य को पूर्ण करने के लिए अर्थात एक्ट अधिनियम के प्रकरणों की कार्रवाई करने हेतु पुलिस थाने से रवाना हुआ और पुलिस थाना इलाके में पेट्रोलिंग  शुरू की और जैसे ही  मैं पेट्रोलिंग करता हूआ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचा तो देखा की दो ट्रकों  के चालको  ने भारी आवाज में म्यूजिक बजा रहे थे गाना बजा रहे थे। इस पर मैंने मेरी पुलिस टीम को उक्त दोनों ट्रकों को संगीत बजाने बाबत आज्ञा और अनुमति पूछने का निर्देश दिया तो मेरी टीम ने बताया कि श्रीमान ट्रक वाले के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिन में संगीत बजाने की न तो  आज्ञा है और न ही अनुमति है। इस पर मैंने दोनों ट्रकों को राजस्थान ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम मे कार्रवाई कर संगीत यंत्रों को जप्त कर लिया और  ट्रक चालकों को  गिरफ्तार का चालको द्वारा जमानती पेश करने पर जमानत पर रिहा किया गया। और पूर्ण कार्रवाई कर संपूर्ण दस्तावेज अग्रिम कार्रवाई हेतु दिन ड्यूटी अधिकारी को सौंप दिए गए। और मैं पुनः पुलिस थाना इलाके में  पेट्रोलिंग पर निकल गया और जैसे ही मैं   Hotel red and blue diamond के सामने से निकला तो दो लग्जरी गाड़ी आई जो तेज आवाज में गाने बजा रहे थे जिनको रोक कर चेक किया तो यह बजाने के साथ शराबी पी रखे थे। इस पर मैंने दोनों उक्त गाड़ियों को वाहन अधिनियम मे जब्त कर 185 एमवी एक्ट की कार्रवाई की और ध्वनि प्रदूषण अधिनियम 9/ 11 की कार्रवाई भी की और गिरफ्तार कर संपूर्ण दस्तावेज जी कार्रवाई कर दिन डयुटी अधिकारी को सुपुर्द किया। इसके बाद पुलिस नियंत्रण कक्ष से सूचना आई की  विश्वविद्यालय के पीछे दो व्यक्ति देसी शराब बेच रहे । इस सूचना की तस्दीक हैतू मैं मौके पर रवाना हुआ। और वहां पहुंचे तो देखा कि दो व्यक्ति पुलिस को देखते ही भागने लगे जिसे पुलिस टीम ने घेरा देकर पकड़ कर चेक किया तो उन्होंने बताया श्रीमान हम देसी शराब बेच रहे थे और हमसे गलती हो गई। आगे से नहीं बेचेंगे। इस पर मैंने दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर दोनों व्यक्तियों के खिलाफ राजस्थान आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की और कार्रवाई कर अग्रिम कार्रवाई हेतु दिन ड्यूटी अधिकारी को सुपुर्द कर दिया। इस प्रकार मैं लगातार अधिनियम की कार्यवाही कर रहा था और इसके बावजूद भी उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों का दबाव था कि अधिक से अधिक कार्रवाई की जाए और रिपोर्ट से अवगत करवाया जाए।  इस प्रकार  मेरी  दैनिक दिनचर्या  बहुत कठिन है



  •  इस प्रकार अधिनियम की कार्रवाइयों का सिलसिला जारी था और इसी दौरान एक मुखबिर ने सूचना दी कि एक गोदाम में अवैध अंग्रेजी शराब उतारी जा रही है जिस पर मैंने मुखबिर की सूचना के आधार पर गोदाम में जाकर एक कॉन्स्टेबल को भिजवा कर सूचना की सत्यता की जांच करवाई तो सूचना सही पाई गई और उस गोदाम पर रेड दी गई जिसमें 1000 पेटी अंग्रेजी शराब की मिली जिस पर गोदाम के मालिक व वाहन के मालिक व शराब का व्यवसाय करने वालों के खिलाफ राजस्थान आबकारी अधिनियम 19/54 में कार्रवाई की गई और इससे संबंधित सभी आरोपी को गिरफ्तार कर मौके पर ही अवैध शराब को सील बंद कर पुलिस थाने पर लाकर दिन ड्यूटी अधिकारी को सुपुर्द  किया गया। और इसके बाद मैं वापिस पुलिस थाने से रवाना होकर राजा पार्क मार्केट पहुंचा । जहां कई दुकानदार असली चीजों की कॉपी कर बेच रहे थे, इस प्रकार  35 दुकानदारों के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई की गई और इससे संपूर्ण बाजार में कॉपीराइट एक्ट के तहत अपराध करने वाले सभी व्यक्ति सावधान हो गए और कॉपी करना बंद कर दिया। इसके बाद थाना अधिकारी ने मुझे फोन कर जानकारी दी कि वंदना कॉलोनी में दो पक्षों में सांप्रदायिक झगड़ा हो गया है और करीब 20 लोग घायल हो गए हैं और मैं भी मौके पर ही हूं इसलिए आप तुरंत मौके पर पहुंचे इस प्रकार मैंने बिना समय बर्बाद किए तुरंत मौके पर पहुंचा और थानाधिकारी के बताया अनुसार घायल व्यक्तियों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया और मौके पर पुलिस टीम को छोड़कर शांति व्यवस्था कायम करवाई और थाना अधिकारी को सहयोग किया और पुलिस नियंत्रण कक्ष और  उच्च पुलिस अधिकारियों को इस बारे में अवगत करवाया गया। इस प्रकार मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत कठिन है। इसके बाद मैंने 2 घंटे सड़क सुरक्षा सप्ताह मैं आमजन को सुरक्षा संबंधी जागरूकता के उपाय बता कर जनता को जागरूक किया और इस प्रकार मुझे रात्रि 8:00 बज गए। और अब मेरी ड्यूटी समाप्त हो गई। मैं  पूरी कार्रवाई और मेरे हथियार आदि के बारे में पूरा विवरण जनरल डायरी में अंकित करवाया और हथियारों को मालखाने में जमा करवाया। उसके बाद मैंने पुलिस पोशाक को बदल कर नहा धोकर तैयार होकर स्वयं को सैनिटाइजर किया। और रात्रि 9:00 बजे पुलिस थाने से घर के लिए रवाना हुआ।



  •   मेरी  दैनिक दिनचर्या  का निष्कर्ष :-   मेरी  दैनिक दिनचर्या  का निष्कर्ष यह है की  मेरी  दैनिक दिनचर्या  बहुत कठिन है वह मेरी दैनिक दिनचर्या बहुत व्यस्त रहती है और पुलिस विभाग में कार्य करते हुए भी बहुत मानसिक दबाव रहता है इस वजह से पुलिस अधिकारी मानसिक तनाव में रहते हैं और इस प्रकार उनका व्यवहार थोड़ा रूखा हो जाता है और पुलिस अधिकारियों पर काम का अत्यधिक बोझ रहता है इसलिए पुलिस अधिकारियों के काम करने की दक्षता प्रभावित होती है।


  •   मेरी  दैनिक दिनचर्या  के बारे में राय:-  मेरी दैनिक दिनचर्या पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारियों पर काम का वजन कम करना चाहिए और उनकी दक्षता को सुधारने के लिए क्वांटिटी की अपेक्षा क़व्वालीटी पर ध्यान दिया जाना चाहिए और पुलिस अधिकारियों को आवश्यकता होने पर सहयोग किया जाना चाहिए।



  •   मेरी दैनिक दिनचर्या का समापन:-   रात्रि 10:30 हो चुके हैं और मैं घर पर पहुंच गया हूं और  मेरी  दैनिक दिनचर्या  का समापन इस उम्मीद के साथ होता है कि पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारियों के कर्तव्य पालन के दौरान  कानून की बाध्यता यह तथ्य की गलतफहमी के कारण यदि कोई गलती पाई जाती है तो उसमें पुलिस विभाग पुलिस अधिकारी के प्रति नरम रुख अपनाएं और किसी भी पुलिस अधिकारी के खिलाफ जबरदस्ती किसी झूठी शिकायत को साबित करने का प्रयास न किया जाए और झूठी शिकायतों को साबित करने के लिए अन्य घटनाओं को जबरदस्ती न जोड़ा जाए और पुलिस अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस विभाग में मनोचिकित्सक  से मीटिंग करवा कर पुलिस अधिकारियों की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाना चाहिए और पुलिस अधिकारियों को उचित वेतन और सुविधाएं दी जानी चाहिए और पुलिस विभाग को पुलिस अधिकारियों को परिवार के लिए समय दिया जाना चाहिए ।जिसे सभी पुलिस अधिकारी फ्रेश होकर तरोताजा होकर अपनी ड्यूटी सही तरीके से  करें। जिससे पुलिस अधिकारी अच्छे तरीके से अपनी सेवाएं दे सके । इस प्रकार  मेरी  दैनिक दिनचर्या  का समापन हुआ।


  •  सुरक्षा सलाह  :- आपके एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड ,डेबिट कार्ड आदि के सीवीवी नंबर, कार्ड नंबर या ओटीपी आदि किसी भी व्यक्ति को न बताएं यह कभी भी किसी बैंक अधिकारी या  बैंक के प्रतिनिधि द्वारा नहीं पूछे जाते हैं,
                                                                                                                                                                   





 My daily routine
                                                  
 Hindi / English

                                                                               
                                                                               


  •  I work in the police department and my life is very difficult.  This is what I write about in my blog.  If you like my blog and want to know more about me, please read my blog regularly.

https://mydailyroutine251.blogspot.com/2020/07/6-1.html
uk police

  •  Nature of my daily routine: - My daily routine is very hard.  There are many reasons why my daily routine is difficult.  But it is not possible to include them all together in one blog.  Therefore, today I am requesting to your esteemed friends only three reasons which are as follows: -

  •  1. If a police officer performs his duty with complete honesty in the police department, there is trouble and even if he does not do duty, there is trouble.  If a police officer in the police department does his duty honestly and there is a mistake by a police officer while doing duty and following the law, then the higher level police officer will investigate and punish that police officer according to the rules of departmental proceedings.  And even if a police officer does not do duty honestly, even the appropriate level police officers punish the concerned police officer for not performing his duty properly.  In this way, friends, you can understand how many compulsions a police officer has or not to do. He is always confused because it is a natural thing that if you do something, it is not a big deal to be a mistake because the person  It works, it makes mistakes.  If a person does not do any work then how will he be wrong.  Respected friends, scientists, doctors, IAS administrative officers, space scientists etc. also make mistakes and the person learns from mistakes and by correcting his mistakes, he works better by bringing more efficiency in his work in future.  But it is very sad that if any police officer in the police department, despite following the law, accidentally commits a mistake then departmental action is taken against him and even if he is not proved to be a mistake against him, he is forced to  It is tried to prove that which is very sad and unfortunate, so the qualified police officers remain under mental stress and are unable to perform their duties with full efficiency.

  •  2. If departmental action is taken against any police officer in the police department, unnecessary delay is done in it.  For example, you would be surprised to hear that if a complaint was lodged against a criminal by a general public in the police department, f.i.r.  A final report has to be submitted in the tax court within 3 months, that is, the research tax has to be submitted to the court.  But dear friends, it is a matter of great regret and misfortune that the departmental proceedings against a police officer in the police department are carried out and the investigation by the research officer is done unnecessarily and so long as the concerned police officer is kept suspended.  Due to which the concerned police officer goes through mental stress.  Thus the life of a police officer is very difficult.  In investigating against a police officer, his own department does not comply with the guidelines issued by the court.  You will be surprised to know that in the police department, in the cases of general public, police officers submit the final report to the court in 1 month.  But in departmental proceedings against a police officer, research is not completed by the Research Officer even in 3 months.

  •  3. The police department is pressurized to prove a false complaint against a police officer and attempts are made to prove the complaint correct by adding other false incidents.  If a departmental inquiry is conducted against a police officer, pressure is made to prove a false complaint against the police officer concerned.  And if the evidence against the concerned police officer is still not found, then the events of others are combined against that police officer to prove the false complaint.  Respected friends thus the qualified and honest police officer breaks in. Because the police department for which he has been serving for 15 years to 20 years to 25 years, the same department tries to prove a false complaint against him.  In this way, police officers are under mental stress and this also has an impact in the family and personal life of the police officer, thus my daily routine is very difficult.
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  •  I am 4:00 A.M.  But after waking up from the morning's daily activities, I complete a 3-kilometer run and after that I take 15 minutes rest, then do exercise yoga etc. and after 20 minutes rest I take nutrition.  After this I take a bath, get ready and have breakfast and get the food packed and get home from 6:00 A.M.  But duty went to Hatu police station.  I 7:00 a.m.  But reached the police station and found out my duty from HM administration, HM administration said that Mr. Your duty today is to take maximum action of the Act and you have 8 castles and 2 women constables with you.  I left the police station to take up the research box and weapons and complete police team and police vehicle to complete the work ie the Act Act cases and started patrolling in the police station area and as soon as I was patrolling  When Hua reached the national highway, he saw that the drivers of the two trucks were playing music in heavy voice.  At this I instructed my police team to ask permission and permission to play the above two trucks with regard to playing music, then my team said that Mr. Truckman has neither permission nor permission to play music on the national highway during the day.  On this, I took both the trucks into the Rajasthan Sound Pollution Control Act and seized the musical instruments and the truck drivers were released on bail after the arrest of the arrested drivers.  And after taking complete action, the entire documents were handed over to the day duty officer for advance action.  And I again went out on patrolling in the police station area and as soon as I came out in front of Hotel red and blue diamond, two luxury cars came in which were playing songs in loud voice, which they stopped and checked so that they would drink drunk  Were.  On this, I seized both the said vehicles in the Vehicle Act and took action of the 185 MV Act and also took action of the Noise Pollution Act 9/11 and arrested the entire document and handed it over to the Duty Officer.  Subsequently, information came from the police control room that two persons were selling country liquor behind the university.  This information is valid, but I left for the spot.  And when they reached there, they saw two people running away as soon as they saw the police, who were caught by the police team and checked, then they told me, Mr. We were selling country liquor and we made a mistake.  Will not sell from further.  On this, I arrested both the persons and took action against both the persons under Rajasthan Excise Act and after taking action, handed over the day duty officer for advance action.  Thus I was constantly taking action of the Act and despite this there was pressure from the higher level police officers to take maximum action and make the report informed.  Thus the my daily routine of the police is very difficult


  •  Thus the proceedings of the Act were going on and during this time an informer informed that illegal English liquor was being unloaded in a warehouse, on which I sent a constable to the warehouse on the information of the informer and check the veracity of the information.  The information was found correct and red was given at the warehouse in which 1000 boxes of English liquor were found, on which action was taken against the owner of the warehouse and the owner of the vehicle and the liquor business under Rajasthan Excise Act 19/54 and related to it.  All the accused were arrested on the spot and sealed the illegal liquor and brought it to the police station and handed over the duty officer.  And after that, I left the police station and reached Raja Park Market.  Where many shopkeepers were copying and selling real things, thus action was taken against the 35 shopkeepers under the Copyright Act and this made all the people who committed crimes under the Copyright Act in the entire market wary and stopped copying.  After this, the police officer called me and informed me that there has been a communal fight between two parties in Vandana Colony and about 20 people have been injured and I am also on the spot, so you immediately reached the spot, thus I wasted time  Immediately reached the spot and according to the police officer, the injured persons were rushed to the hospital for treatment and left the police team on the spot to maintain peace and cooperate with the police officer and the police control room and higher police officers were made aware of this.  Thus my daily routine is very difficult.  After this, during the 2 hour road safety week, I informed the public about the safety awareness measures by the public and thus it was 8:00 pm.  And now my duty is over.  I got all the details about the entire action and my weapons etc. written in the General Diary and got the weapons deposited in the consignment.  After that, after changing the police dress, taking a bath and getting ready, I sanitized myself.  And left for the house from the police station at 9:00 pm.

  •  Conclusion ofmy daily routine: - The conclusion of my daily routine is that my daily routine is very difficult, it keeps my daily routine very busy and while working in the police department, there is a lot of mental pressure because of this, the police officer is under mental stress  Live and thus their behavior gets a bit rough and the police officers are heavily burdened, hence the efficiency of working of the police officers is affected.


  •  Opinion about my daily routine: - My daily routine should reduce the weight of work on police officers in the police department and to improve their efficiency, focus on quality rather than quantity and support the police officers as and when required.  needed.


  •  Completion of my daily routine: - It is 10:30 PM and I have reached home and my daily routine ends with the expectation that the compulsion of law in the police department while performing the duties of police officers is the fact that  If any mistake is found due to misunderstanding, then the police department should take a soft attitude towards the police officer and do not forcefully attempt to prove any false complaint against any police officer and other incidents to prove false complaints.  To not force coercion and to encourage the police officers, the problems of the police officers should be resolved immediately by meeting a psychiatrist in the police department and proper pay and facilities should be given to the police officers and the police department should be given to the police officers of the family  Time should be given for all police officers to be fresh and refreshed and do their duty properly.  So that the police officer can render his services in a good way.  Thus ended my daily routine.

    
  •  Security advice: - Do not tell CVV number, card number or OTP etc. of your ATM card, credit card, debit card etc. to anyone, it is never asked by any bank officer or bank representative,



http://mydailyroutine251.blogspot.com 16.02.2021

                                 ब्लॉग परिचय                         मेरी दैनिक दिनचर्या नमस्कार आदरणीय दोस्तों   आप सबका मेरे ब्लॉग में हार...